Best Motivational Speech in Hindi: हमारे जीवन में ऐसे बहुत से कठिनाई आती है। और जब हम बुरा वक्त से गुजर रहे होते हैं, तो उस समय कोई भी व्यक्ति हमारी सहायता के लिए आगे नहीं बढ़ते हैं। या यूं कहे तो जिस वक्त हम संघर्ष से जूझ रहे होते हैं, उस समय कोई हमारा साथ नही देता हैं।
“जब चुन लिया हैं राही, तो मंजिल भी मिल ही जायेगी भटकते – भटकते, मंजिलें जहर तो नही, जिसे खाकर हम मर जायेंगे। ” आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, ऐसे 15 Best motivational Speech जिसे पढ़कर आपके रगों में खून नही, बल्कि सफलता पाने के लिए जुनून दौड़ने लगेंगे। जिससे आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने में ज्यादा फासला तय नही करना होगा। बल्कि अपने मेहनत के दमपर कम समय में एक बहुत बड़ी मुकाम को हासिल कर सकते हैं।
तो आइए उन सभी Best motivational speech को समझकर पढ़ते है, जिससे हमारे अंदर में एक सफलता के प्रति उम्मीद की किरण को हमेशा जगाए रखें। और हमारे जीवन में एक नही जिंदगी की शुरुआत करे।
15 Best Motivational Speech in Hindi
1. बीते हुए कल को भूले। (Motivational Speech in Hindi).
अगर आप अपने जीवन को ध्यान से देखें, तो पायेंगे कि वही चीजें बार-बार हो रही हैं। क्योंकि जब तक आप मन के प्रिज़्म के माध्यम से काम कर रहे हैं। तब तक आप उसी पुरानी जानकारी के साथ काम करते रहेंगे। बीता हुआ समय आप के मन में ही रहता है। सिर्फ इसलिए कि आप का मन सक्रिय है, बीता हुआ कल बना रहता है।
मान लीजिये, आप का मन इसी पल काम करना बंद कर दे। तो क्या बीता हुआ समय यहाँ रहेगा? वास्तव में यहाँ कोई भूतकाल नहीं है, सिर्फ वर्तमान ही है। असलियत सिर्फ वर्तमान ही है , मगर हमारे मन के माध्यम से भूतकाल बना रहता है, दूसरे शब्दों में, मन ही कर्म है। अगर आप मन के परे चले जायें तो आप सारे कार्मिक बंधनों के पार चले जायेंगे।
अगर आप कार्मिक बंधनों को एक-एक कर के तोड़ना चाहें तो इसमें शायद लाखों साल लग जायें और इसे तोड़ने की प्रक्रिया में आप कर्मों का नया भण्डार भी बनाते जा रहे हैं। आप के पुराने कार्मिक बंधनों का जत्था कोई समस्या नहीं है। आप को यह सीखना चाहिये कि नया भंडार कैसे तैयार न हो। यही मुख्य बात है। पुराना भण्डार अपने आप समाप्त हो जायेगा, उसके लिये कोई बड़ी चीजें करने की ज़रूरत नहीं है। पर बुनियादी बात ये है। कि आप नए भंडार बनाना बंद करना सीख लें। फिर पुराने भंडार को छोड़ देना बहुत सरल होगा।
2. हर सुबह मेडिटेशन करना शुरू करो। (Motivational Speech in Hindi).
ध्यान एक मानसिक व्यायाम है। जिसमें रिलैक्सेशन, फोकस और जागरूकता शामिल है। जिस तरह शरीर के लिए शारीरिक व्यायाम काम करता है। वैसे ही मेडिटेशन दिमाग के लिए एक अभ्यास है। यह अभ्यास आमतौर पर व्यक्तिगत रूप से बैठकर शांत स्थिति में और आंखें बंद करके किया जाता है।
मेडिटेशन एक अभ्यास है जिसमें कोई व्यक्ति एक तकनीक का उपयोग करके, जैसे माइंडफुलनेस, किसी विशेष वस्तु, विचार या गतिविधि पर ध्यान केंद्रित करता है। ताकि फोकस और अवेयरनेस को बढ़ाया जा सके। इसका अभ्यास एक व्यक्ति को मानसिक रूप से स्पष्ट बनाता है। और भावनात्मक रूप से शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
- तनाव को कम करना मेडिटेशन के फायदों में से एक है। यह कोर्टिसोल के स्तर को कंट्रोल करके आराम देता है।
- मेडिटेशन एंग्जायटी, डिप्रेशन और निराशा जैसी मानसिक स्थितियों में आपके दिमाग को शांत करके राहत दिलाता है।
- मेडिटेशन का नियमित अभ्यास एंग्जायटी डिसऑर्डर के लक्षणों को भी कम करता है।
- जैसे कि फोबिया, सोशल एंग्जायटी, पैरानॉइड विचार, कम्पलसिव डिसऑर्डर आदि।
- मेडिटेशन एजिंग के प्रोसेस को धीमा करता है। और आपको जवां बनाए रखने में मदद करता है।
- मेडिटेशन करने से आप रिलैक्स रहते हैं। जिससे आपको अच्छी नींद लेने में मदद मिलती है।
3. खुद की तुलना दूसरों से करना बंद करें। (Motivational Speech in Hindi).
खुद को अपनी तुलना दूसरों से करने से रोकना कठिन है, आजकल हर किसी को परफ़ेक्ट बनना है। यदि हम अपनी उपलब्धियों और दक्षता को जाँचना शुरू कर देते हैं, तो हम सच में आगे बढ़ सकते हैं। अपनी तुलना दूसरों के साथ करना, बहुत आम बात है और इनसे जलन का अनुभव होना भी सामान्य गुण है।
लेकिन जब आप अपनी सक्षमताओं के बारे में सोचे बिना सिर्फ़ अपनी कमियों को सोच कर परेशान होते हैं, तो आप ग़लत रास्ते पर जा रहे हैं। यह आप की एक कमज़ोरी हो सकती है, और यहाँ तक कि यह आप को अपने जीवन के कुछ अनमोल पहलुओं का आनंद लेने से भी रोक देती है।
दूसरे लोगों के साथ निरंतर की जा रही तुलना आप के आत्म-सम्मान को कम कर देती है, और इस से आप आप को अपने ही बारे में बुरा लगने लगता है। खुद को अपनी नज़रों से देख कर ही आप अपनी तुलना करने की लत से छुटकारा पा सकते हैं। अपने लिए कुछ ऐसे लक्ष्य निर्धारित करें, जिन से आप का आत्म-सम्मान बढ़े और अपने बारे में विचारों को अच्छा करने के तरीकों को सीखें।
4. किसी काम में बार-बार फेल होने से डरो मत। (Motivational Speech in Hindi).
आप जिस भी काम में हांथ डालते हैं। आप हर बार फेल हो जाते हैं। और फेल होने के डर से आप एक नई शुरूआत करने से कतराते रहते हैं। या तो वह भी फेल हो जाएगा। अगर आप इस तरह का निर्णय ले लेते हैं। तो आप हारने के बाद भी एक विजेता कहलाते हैं।
वह विजेता जो कभी हार नहीं माना, पूरा जीवन जीतने में लगा दिया। यदि आप हार के बाद, इस डर से शुरुआत नहीं करते हैं। कि आप एक बार फिर हार जाएंगे। तो आप यह मान लीजिए कि आप जिन्दा होते हुए भी एक मरे हुए आदमी के समान हैं। जिससे एक नई शुरुआत की उम्मीद नहीं की जा सकती। यदि आप मेरी बात से सहमत हैं। तो आप किसी काम में बार-बार फेल होने से डरे न बल्कि हर बार उस काम को सही तरह से करने की योजना बनाएं।
फिर देखिए आपको हर काम में सफलता मिलेगी।अगर आप चाहते हैं, कि आपका हृदय पवित्र हो और उसमें भगवान का वास हो, तो आपको बस यह करना है। कि आप दूसरों की मदद करें। किसी की निंदा ना करें। अगर आप किसी की मदद के लिए हांथ बढ़ा सकते हैं। तो जरूर बढ़ाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते तो अपने हांथ जोड़िए।अपने भाईयों को आशिर्वाद दीजिये। और उन्हें उनके मार्ग पर जाने दीजिये।
5. सुनो सबकी, करो खुद की।
इस धरती पर राय और बुद्धि देने वालों की कमी नहीं है। आपको कदम-कदम पर सिखाने वाले मिल जाएंगे। पर मेरी इस बात को याद रखना। वे जब भी आपको कोई राय देंगे। तो ऐसा नहीं है कि उनकी राय सही हो। इसलिए आप उनकी सुनें पर करें वही जो आपका मन कहे। वरना बाद में आपको इसी बात का पछतावा होगा कि काश मैंने अपने मन की सुनी होती तो ऐसा नहीं होता मैं यह नहीं कहता कि आप किसी की न सुनें।
आप उन्हीं लोगों को ध्यान से सुनें जो उस क्षेत्र में सफल हैं जिस क्षेत्र में आप सफल होना चाहते हैं। क्योंकि जब कोई सफल व्यक्ति आपको कुछ सुनाएगा तो उसकी बातों में वह सच्चाई और स्पष्टता होगी। जिसकी आपको सफल होने के लिए जीवन में जरूरत पड़ेगी। अगर ऊपर बताए गए सभी विचारों को आप अच्छे से पढ़ें हैं। और उन्हें आत्मसात कर लिए हैं। तो सफलता के रास्ते में आने वाली कठनाईयाँ कम हो जाएंगी। और आप जोश के साथ आगे बढ़ते जाएंगे। यह मेरा आपसे वादा है।
6. ऐसी चीजों पर अपनी एनर्जी बर्बाद मत करो।
बच्चे देश का भविष्य होते हैं। इन्हें शुरुआत से ही सही मार्गदर्शन मिले। तो इनका जीवन संवर जाता है। अक्सर युवावस्था में ऐसा पड़ाव आता है। जिसमें कुछ चीजें व्यक्ति को भटकाने का काम करती है। चाणक्य कहते हैं, कि युवाओं को अगर सफल इंसान बनना है। तो इन चीजों से परहेज करना पड़ेगा नहीं। तो वर्तमान के साथ भविष्य भी अधर में लटक जाएगा। आइए जानते हैं, चाणक्य ने युवाओं को किन चीजों से दूर रहने की बात कही है
आलस:— यंग पीढ़ी का सबसे बड़ा दुश्मन है। आलस कहते है ना कि जवानी में अगर मेहनत कर ली तो बुढ़ापा संवर जाएगा। चाणक्य कहते हैं, कि आलस युवाओं को सफल होने से रोकता है। व्यक्ति जितना अनुशासित होगा। तरक्की उसके कदम चूमेगी। समय बहुत कीमती है। इसका सदुपयोग करें। युवावस्था में किया गया संघर्ष लोगों का भविष्य सुधार देता है। आलस से कुछ अर्जित नहीं कर पाएंगे। लक्ष्य प्राप्ति के लिए सदैव सक्रिय रहेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।
संगती:— अच्छी और बुरी दोनों संगत मनुष्य जीवन को बहुत प्रभावित करती है। गलत लोगों की संगत व्यक्ति में बुरे कर्म करने की सोच पैदा करती है। नशा, कामवासना, लड़ाई-झगड़ा इन चीजों से जितना दूरी बनाकर रहेंगे सफलता करीब आती जाएगी। जवानी में संगत व्यक्ति की दिशा और दशा तय कर देती है, क्योंकि इस उम्र के लोग अपना अच्छा और बुरा खुद समझने लगते हैं। इस दौरान इनकी गलत आदतों पर कोई टोक दे तो ये उसे नजरअंदाज कर देते हैं, और भविष्य में पछताते हैं।
क्रोध:— कामयाबी की राह में सबसे बड़ा रोड़ा होता है। क्रोध, गुस्सा व्यक्ति बुद्धि को क्षीण कर देता है। युवा हो या फिर बच्चा गुस्से में सभी का नुकसान होता है। क्रोध पर काबू करना सीखें वरना आपकी एक गलती करियर पर कालिख पोत सकती है। गुस्सा युवाओं की उन्नति में बाधा बनता है। अगर आप गुस्सैल प्रवृति के हैं। तो अपने हित के लिए दूसरे भी आपके इस व्यवहार का फायदा उठा सकते हैं।
7. लगातार प्रयास करते रहना चाहिए, अंत में हमें जो मिलना है, वह मिल ही जाएगा।
इस कहानी के माध्यम से आप ऊपर वाले की मर्जी को समझें। दो लड़के एक आश्रम में काम करते थें। वे दोनों अपने गुरु की दिन-रात सेवा करते थें। उन दोनों लड़कों में से एक लड़के की बहन की शादी तय हो गयी थी। वह अपने बहन की शादी की तैयारी बहुत ही धूम-धाम से करना चाहता था। पर उसके पास पैसे नहीं थे।उनकी स्थिति उनके गुरु बहुत अच्छे से जानते थें। पर वो भी उनकी मदद नहीं किए।
सिवाय जब दोनों लड़के गाँव जाने के लिए तैयार हुए तो गुरु ने उस लड़के को पांच अनार दिए जिसकी बहन की शादी थी। गाँव जाते समय पांच अनार पाकर लड़का बहुत दुखी था।उसे तो पैसे की जरूरत थी। वह अनार क्या करेगा, उसे अपने गुरु पर बहुत गुस्सा आ रहा था। जब दोनों लड़के गाँव की तरफ जा रहे थे। तो रास्ते में राजा के सैनिक इस बात की घोषणा कर रहे थें, कि क्या किसी के पास अनार है।
राजा को इसकी बहुत जरुरत है। हमने बहुत प्रयास किया पर हमें इस क्षेत्र में कहीं भी अनार नहीं मिला। राजा की बेटी बहुत बिमार है। उसे दवा के लिए अनार की जरूरत है।
8. किसी भी चीज़ से उम्मीद ज्यादा मत रखो।
“उम्मीदो को समेटकर, तेरी राहो में बैठी हूं, तुझसे नफरत करके, भी तेरी चाह में बैठी हूं। “तकलीफ खुद की कम हो गई, जब अपनों से उम्मीद कम हो गई। “एक अरसा हुआ है।
मुझको तेरे सपने संजोये। उम्मीद है कि टूटने का नाम ही नही लेती। “राहत बेसबब रूठ जाती है, क्यूँ हर तरफ उम्मीद टूट जाती है। “मुझे हर एक लम्हे, में तेरी कमी खलती है, तेरी यादों में तेरे जज्बातो, की उम्मीद होती है। “दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है, लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है। “मैंने जिन्दगी से पूछा, सबको इतना दर्द क्यों देती हो, जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया, मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हु। पर एक की ख़ुशी दुसरे का दर्द बन जाती है।
“ बहुत चमक है, उन आँखोंमें अब भी, इंतज़ार नहीं बुझा पाया है, उम्मीद की। “हद से ज्यादा प्यार तुम से है। मेरी हर उम्मीद तुम से है, मेरी जिन्दगी मे तुम ही तुम हो, मेरी हर सांस का रिश्ता बस तुम से है। “खुद से उम्मीद रखना बेहतर है मग़र, अपनों से ना उम्मीदी अच्छी नही। “एक उम्मीद बार बार आकर, अपने टुकड़े तलाश करती है।
बूढ़ी पगडँडी शहर तक आकर अपने, बेटे तलाश करती है। “उम्मीद का दामन छोड़कर, जिंदगी से हताश हो गई, खुद को रब के हवाले करके, जिंदगानी-ऐ-लाश हो गई। “लोगों से उम्मीद इंसानो वाली, रखे फरिश्तों वाली नही। “मुझे इंतज़ार करना बहुत पसंद है, क्योंकि ये वक़्त उम्मीद से भरा होता है।
9. भविष्य की चिंता ना करें।
हममें से कई लोग कल की चिंता करते हैं।कि कल क्या होगा। लेकिन हम ये भूल जाते है। कि वास्तव में इस दुनिया में किसी ने कल नहीं देखा है। जब भी आप देखे, आपको आज ही दिखेगा। जो समय बीत गया वो कल था। मतलब वह अतीत होता है। हमारे हाथों में केवल वर्तमान है, और कल कुदरत के हाथों में है। इसलिए केवल वर्तमान में ही रहे, जो आज है। कल की चिंता करना कठिनाइयों का कारण बनता है।
इसलिए, जब कल जेसी कोई चीज़ ही नहीं है, तो कल कि चिंता करने की कोई करूरत ही नहीं रहती। समय आने पर प्रकृति सभी की जरूरतों को पूरा करती है। लेकिन लोग अनजाने में प्रक्रति को कोस कर, अपने लिए अडचने पैदा करते है। अच्छी तरह इस्त्री किए हुवे कपड़े पहना हुवा व्यक्ति है। और उसके कपड़ों पर बारिश गिर जाये, तो वह प्रकृति को कोसेगा। कुछ लोग चाहते हैं, कि उनकी बेटी की शादी के दिन बारिश न हो, लेकिन किसान उत्सुकता से बारिश होने का इंतजार करते हैं।
जब इस तरह के विरोधाभास होते हैं, तो वह प्रकृति के कार्यों में अड़चन डालते है। यह ब्रह्मांड आपकी भावनाओं और प्रकृति के विभिन्न चरणों के बीच के समायोजन के अनुसार कार्य करता है। इसलिए प्रकृति के काम में खलल न डालें। आपको सब स्वाभाविक और अनायास से प्राप्त हो जाएगा। क्या लोग कभी इस बात की चिंता करते हैं, कि क्या कल सूर्योदय होगा या नही होगा? अगर वे इसकी चिंता करने लगे तो क्या होगा? ‘दखल’ करने का कोई अंत नहीं हैं। इसलिए प्रकृति के कामो के दखल न करें।
10. जो हो नही सकता, वही तो करके दिखाना हैं।
जब कोई नामुमकिन को मुमकिन कर दिखता है, तब हर कोई वाह वाह कर उठता है। लेकिन जब तक वही काम पूर्ण नही हुआ होता, तब सब उस बन्दे का हौंसला गिराते है। कि यह तो हो ही नही पायेगा, ऐसा तो कोई कर ही नही सकता। लेकिन जब वही बन्दा कोई ऐसा काम कर जाता है, जो आज तक दुनिया मे किसी ने किया तो दूर, सोचा तक न हो, तब हर कोई उसकी वाह वाह कर उठता है। और आठों दिशाओं में उसका नाम हो जाता है।
इसलिए अगर आपको भी खुद पर है, यकीन और कुछ खास कर गुजरना चाहते है। लेकिन सभी आपका हौंसला गिराने पर लगे हुए है। तो tension मत लीजिए। सब demotivate ही करेंगे कि आजतक किसी ने नही किया तो तुम क्या खाक करोगे? तो यह बातें नजरअंदाज करें और अगर आप कुछ खास करना चाहते है। तो कीजिये, लेकिन एक बात याद रखिये ऐसा कभी भी कुछ मत करियेगा जिससे किसी एक को भी हानि हो। काम वही भला, जिससे सबका विकास हो और सब खुश रहे।
11. आलस को निकाल फेंको।
उद्देश्य अपना क्लियर रखे आपके पास एक Blank टिकट हैं। तो आप कहा कैसे जा पायंगे यदि आपके पास टिकट Confirm होता, तो आप आसानी से वहा पहुंच पाते जहा आपको जाना हैं। फिर ये सफर आपके लिए कितना आसान हो जायेगा। उसी तरह आपको अपनी लाइफ मैं आगे बढ़ना हैं। तो आपके पास एक क्लियर और Strong Purpose Reason होना चाहिए। ताकि आप अपनी लाइफ मैं कुछ बन सके कुछप्राप्त कर सके।
कोई ऐसी एक स्ट्रांग वजह ठूंडों जो आपको अंदर से स्ट्रांग बनाये और आपको आलस से बचा सके। Life मैं Strong Purpose, Reason का होना इसलिए जरुरी हैं। ताकि आप अपने काम को पुरे Passion जुनून के साथ Long टाइम तक आसानी से उस काम को कर सके।जिस काम मैं आपको सबसे ज्यादा मजा आता हो। ताकि आप अपने आलस्य से बच सके और अपनी Life मैं कुछ बड़ा Achieve प्राप्त कर सके।
12. गलती करना इंसानी फ़ितरत होती है, इसलिए आप गलती करके खुद को कभी कोसना मत।
अक्सर लोग दूसरे व्यक्ति की छोटी से छोटी गलती तलाशने में जरा भी देरी नहीं लगाते। वहीं वे अपनी बड़ी से बड़ी गलती को भी नजरअदांज करते हैं। जो सहजता से अपनी गलती मान लेता है। वह जीवन में सकारात्मक सोच और अध्यात्म की दिशा में जीवन के पथ पर आगे बढ़ता है। अपनी गलती सबके सामने स्वीकार करने का साहस विरले लोग ही दिखा पाते हैं। अधिकांश लोग यही चाहते हैं। कि उनकी गलतियां छिपी रहें, दूसरों के सामने प्रकट न हों।
मनोवैज्ञानिकों का कहना है, ‘जो व्यक्ति अपनी गलतियों को मान लेते हैं उनका जीवन पहले से अधिक सुंदर हो जाता है। उनमें आत्मविश्वास और सद्गुणों का विकास होता है।’ ऐसे व्यक्ति जो स्वयं की गलती स्वीकार नहीं करना चाहते, उनमें धीरे-धीरे नकारात्मक गुणों का विकास होने लगता है।
गलती छिपाने के लिए इंसान को अक्सर असत्य बातों को बोलना पड़ता है। ये असत्य बातें ऐसे व्यक्तियों के जीवन का एक अंग बन जाती हैं। गलती स्वीकार करना एक साहसिक कार्य है। ऐसा व्यक्ति ईश्वर के अधिक निकट पहुंच जाता है। जो अपनी गलती स्वीकार करने का साहस नहीं रखते, उनके अंदर से प्रेम, दया और कर्तव्य का लोप हो जाता है।
ऐसे लोग अपने और अपनी जरूरतों के प्रति उदासीन हो जाते हैं। उनके अंदर एक भावनात्मक खालीपन उत्पन्न हो जाता है।
यह भावनात्मक खालीपन इसलिए होता है, क्योंकि वे अपनी गलती को सबसे छिपाकर रखते हैं। उसे किसी के साथ बांटते नहीं हैं। हर गलती को सुधारा जा सकता है। इंसान गलतियों से सीखकर ही आगे बढ़ता है और जीवन में सफलता पाता है।
13. बोलने का तरीका सीखो।
जीवन में Motivational के होने से जिंदगी जीने का मकसद पता चलता है। तमाम परेशानियों के बावजूद आप हसल करते हुए अपनी मंज़िल पर पहुँचते हैं। तो कहीं-कहीं कोई न कोई मोटिवेशन ज़रूर होती है। वहीं अगर आप कभी किसी परेशानी को लेकर डाउट में होते हैं। तो किसी भी Motivational स्पीकर की वीडियो या क्वोट पढ़कर आप Motivational से भर जाते हैं। कॉन्फिडेंट रहें और जितना हो सके उतने लोगों से बात करें। जितना आप कर सकते हैं।
गलतियां करने में संकोच न करें। जितना अधिक आप प्रैक्टिस करेंगे उतना ही आप अपने प्रनंसीएशनऔर वोकेबलरी में बेहतर और अधिक कॉन्फिडेंट बनेंगे। याद रखें, बोलना एक म्यूजिकल इंस्टुमेंट या नया गेम सीखने जैसा स्किल है। एक ही तरीका है। जिसे अपना कर आप इसमें बेहतर रिजल्ट पा सकते हैं।
14. बुरी आदतों का त्याग करना।
बुरी आदतें शत्रु का लाभ पहुंचाती हैं:— चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को बुरी आदतों से दूर रहना चाहिए। बुरी आदतें शत्रु और प्रतिद्वंदियों के लिए पराजित करने के लिए सबसे आसान और कारगर हथियार भी बन सकती है। इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए। चाणक्य के अनुसार इन गलत आदतों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
बहकावे से रहे दूर:— चाणक्य नीति में कहा गया है। कि बुद्धिमान व्यक्ति अपनी इंद्रियों को हमेशा वश में रखता है। वो किसी की बात में नहीं आता है, जो लोग दूसरों के बहकावे में आते हैं। उन्हें जीवन भर परेशान होना पड़ता है। ये मुश्किलें किसी भी तरह की हो सकती हैं।
निंदा न करें और न सुनें:— चाणक्य नीति के अनुसार बुराई करना और सुनना सबसे बुरी आदतों में से एक है। इससे दूर रहना चाहिए। इस आदत के कारण कभी कभी गलतफहमी भी उत्पन्न हो जाती है, जिस कारण करीबी संबंध भी खराब हो जाते हैं। बुराई करने और सुनने वालों को अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए इस आदत का जितनी जल्दी हो सके त्याग कर देना चाहिए।
गलत लोगों का साथ तुरंत छोड़ दें:— चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को अपनी संगत को लेकर हमेशा गंभीर रहना चाहिए। संगत का असर व्यक्ति पर अधिक पड़ता है। आसपास जिस तरह के लोग होते हैं, आपके विचार भी उसी तरह के होते हैं। इसलिए इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके आसपास अच्छे लोग हैं। गलत संगत अपयश भी प्रदान करती है।
15. धैर्य रखने की काबिलियत।
भगवान कृष्ण कहते हैं, कि इस संसार में जीवन जीने के दो ही रास्ते हैं। एक तो ज्ञान का मार्ग और दूसरा सांसारिक लोभ और लालच का। हर इंसान अपने मन का दास होता है। हमारा मन जैसे-जैसे मार्ग दिखाता है, उसी ओर हम चल पड़ते हैं। कई लोग अपने जीवन से संतुष्ट नहीं होते। ऐसे लोगों को जीवन में हर समय ही दुख-परेशानियां और निराशा ही रहती है। जो असंतुष्ट है, वह धैर्य नहीं धारण कर पाएगा। धैर्य, सब्र ये ऐसे शब्द हैं जो संकट की घड़ी में काम आते हैं। किसी संकट के उत्पन्न होने पर ‘मन की दृढ़ता’ या ‘चित्त की स्थिरता’ को धैर्य कहा जाता है।
आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में अगर किसी से कहें कि धैर्य रखना सीखो, तो लोग इसे बड़े हल्के में लेते है। उन्हें लगता है दुनिया इतनी तेज और बात धीरज रखने की हो रही है। तेजी से दौड़ते वक्त हम लोगों के पास थोड़ा सब्र करके सोचने का वक्त ही कहां है। ऐसे में किसी भी क्षेत्र में कामयाबी पाने के लिए व्यक्ति को हमेशा धैर्य बनाए रखना चाहिए।
जीवन में जो लोग सब्र या फिर कहें धैर्य का साथ छोड़ते हैं, उन्हें अक्सर अपने लक्ष्य को पाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। धैर्य रखना साहसी लोगों का लक्षण है। वास्तव में धैर्य का फल मीठा होता है। दरअसल जो लोग धैर्य रखते हैं, उनको चीजों के विश्लेषण करने का मौका मिल जाता है।
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