By: Resham Singh
मेघना गुलजार की फिल्म सैम बहादुर रिलीज हो गई है। सैम बहादुर फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की जिंदगी पर आधारित फिल्म है।
मेघना गुलजार की सैम बहादुर में सेना के अफसर सैम मानेकशॉ की जिंदगी को दिखाया गया है। किस तरह सैम अपनी धुन के पक्के थे।
सैम बहादुर में भारत की कई ऐतिहासिक हस्तियां भी दिखती हैं और सैम के साथ उनकी केमेस्ट्री भी।
उन्होंने इंदिरा गांधी को युद्ध से पहले पर्चे पर लिखकर बता दिया था कि ये जंग कब शुरू होगी। 1971 के इस युद्ध से पहले भी उन्होंने कई मौकों पर वीरता का परिचय दिया।
वे सेवा में तब से रहे, जब भारत और पाकिस्तान एक मुल्क हुआ करते थे और अंग्रेजों का राज था।
द्वितीय विश्व युद्ध, 1962 के भारत-चीन युद्ध से लेकर अपने चालीस वर्ष के सेवाकाल में उन्होंने कई बड़ी लड़ाइयों में देश को जीत दिलाई।
फिल्म देखते हुए आप कल्पना कर सकते हैं कि सैम मानकेशॉ का सेंस ऑफ ह्यूमर कितना कमाल का रहा होगा।
इस फिल्म में सिर्फ युद्ध और सेना का अनुशासन ही नहीं है, बल्कि गंभीर स्थितियों के बीच भी कई हंसने वाले दृश्य हैं।
पर्दे पर एक जगह वे पीएम इंदिरा गांधी तक से 'स्वीटी' कहते नजर आते हैं। इसी तरह बर्मा युद्ध के दौरान शरीर में नौ गोलियां लगने के बाद भी वे मुस्कुराते हैं।
फिल्म के एक दृश्य में सैनिकों का जोश बढ़ाने के लिए सैम मानेकशॉ उनके पास चूड़ियों के साथ संदेश भिजवाते हैं कि 'बंदूक नहीं उठा सकते तो चूड़ियां पहन लें'।