प्राणायाम (Pranayama) कितने प्रकार के होते है?

By: Resham Singh

Kapalbhati Pranayama:  प्राणायाम का यह रूप शरीर को Poison Free करने और Energy को साफ़ करने में मदद करता है।

इसमें तेजी से सांस लेने की कई तकनीकें शामिल हैं, जिसमें अभ्यासकर्ता अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखते है।

और अपनी हथेलियों को आकाश की ओर खुला रखते हैं।

फिर उन्हें गहरी सांस लेनी चाहिए और एक बार सांस छोड़ने के बाद, उन्हें अपनी नाभि को रीढ़ की ओर वापस खींचना चाहिए।

Shitali Pranayama: अभ्यासकर्ता अपनी जीभ को दांतों के पीछे रखकर हवा में सांस लेते हैं। यह साँस लेने की Technique शरीर को ठंडा करने में मदद करती है।

Nadi Shodhan Pranayam: अभ्यासकर्ता वैकल्पिक क्रम में अपनी नासिका को बंद करने के लिए अपने हाथों का उपयोग करते हैं।

इसका मतलब यह है कि वे पहले अपनी बाईं नासिका को बंद करते हैं और सांस लेते और छोड़ते हैं।

Ujjayi Pranayam: इस साँस लेने की Technique का उपयोग अक्सर Configuration Style के योग आसन का समर्थन करने के लिए किया जाता है।

साँस लेने की इस Technique के लिए आपको Cross Legged स्थिति में बैठकर समुद्र की आवाज़ की नकल करते हुए अपने मुँह से साँस लेने की आवश्यकता होती है।

यह साँस लेने की Technique शरीर को आराम देने में मदद करती है और नाक के मार्ग को साफ करती है।

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