Article 370 Review: बता दे कि, यामी गौतम स्टारर ‘Article 370’ आज बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हो गई। कश्मीर और आतंकवाद पर बनी अबतक की बेस्ट फिल्म है। इस फिल्म को आदित्य धर ने प्रोड्यूस किया है। दमदार कैमरा वर्क, पहले कभी न देखे गए स्ट्राइक सीक्वेंस, शानदार डारेक्शनऔर बेहतरीन एडिटिंग ने दर्शकों को अट्रैक्ट किया हैं। यह ब्लॉकबस्टर साबित हुई. पांच साल बाद, आदित्य धर ‘आर्टिकल 370’ लेकर आए हैं, जो कश्मीर की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक समस्या को दिखाती है।
ये बात अलग है कि, ‘Article 370’ भले ही ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ जितना क्रिस्प और स्लीक न हो। लेकिन फिर भी यह अपनी छाप छोड़ने में कामयाब है। फिल्म की शुरुआत में अजय देवगन का नरैशन फिल्म की टोन सेट कर देता है। यह आईडी फील्ड ऑफिसर ज़ूनी हक्सर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक मुजाहिदीन बुरहान वानी को एक मुठभेड़ में मारने में सफलता हासिल करती है।
इसका कश्मीर पर एक विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। लोग उसकी मौत का विरोध करते हैं और सेना पर पथराव करते हैं। आतंकवाद और बढ़ गया है। जूनी को आईडी से निलंबित कर दिया गया है और दिल्ली भेज दिया गया है। तो आइये इस बेहतरीन फिल्म के बारे में पूरी जानकारी जानते हैं।
कश्मीर से शुरू हुई बुरहान वानी की कहानी
बॉलीवुड में ऐसी कई फिल्में बन चुकीं हैं जो देश के इतिहास को बताती हैं। लेकिन Article 370 उन फिल्मों में से है जिसका इंतजार लंबे समय से हो रहा था। यामी गौतम के काम ने फिल्म में चार चांद लगा दिए हैं। फिल्म में दिखाया गया है किस तरह Article 370 को हटाया गया और किन मुश्किलों से सरकार को गुजरना पड़ा था। इस फिल्म में यामी गौतम कश्मीरी अंदाज में नजर आई हैं।
फिल्म की शुरूआत कश्मीर के सुन्दर घाटी से की गई है और फिर कहानी एक अच्छी पेस से आगे बढ़ती है। ये फिल्म उनके लिए है जो Article 370 को असल मायनों में समझना चाहते हैं। और उस समय के हालातों को जानना चाहते हैं। फिल्म में अरूण गोविल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किरदार में काफी अच्छे लग रहे हैं. साथ ही जब आप फिल्म देखेंगे तो कश्मीर और Article 370 को बेहतर तरीके से जान पाएंगे।
Sr no. | Movie Review | आर्टिकल 370 |
1. | कलाकार | यामी गौतम , प्रियामणि , अरुण गोविल , किरन करमारकर , राज जुत्शी , सुमित कौल , वैभव तत्ववादी , स्कन्द ठाकुर और इरावती हर्षे |
2. | लेखक | आदित्य धर और मोनल ठाकुर |
3. | निर्देशक | आदित्य सुहास जंभाले |
4. | निर्माता | आदित्य धर , लोकेश धर और ज्योति देशपांडे |
5. | रिलीज | 23 फरवरी |
ज़ूनी हक्सर के किरदार में यामी गौतम
यह तब तक चलता रहता है जब तक कि पीएमओ की ज्वॉइंट सेक्रेटरी राजेश्वरी स्वामीनाथन कश्मीर में स्थिरता को लाने, Article 370 को हटाने और NIA को लीड करने के लिए उनसे संपर्क नहीं करतीं। इससे ज़ूनी को कश्मीर वापस जाने और घाटी में ‘अमन’ को वापस लाने का मौका मिलता है। फिल्म में पुलवामा हमले और अलगाववादी नेताओं और अधिकारियों की कूटनीति देखने को मिलती है।
जानिए Article 370 में क्या है भला, क्या है बुरा
‘Article 370‘ रियलिटी और फिक्शन के बीच की लकीर पर बड़ी चतुराई से चलती है। पॉलिटिकल समझ और असल घटनाओं को पूरे फैक्ट्स के साथ देखने वाले लोगों को फिल्म में बहुत गलतियां मिल सकती हैं। मगर ये तो अब हम सभी जानते हैं, कि इस तरह की फिल्मों में फैक्ट्स वो आखिरी चीज हैं जिनपर फोकस किया जाता है। लेकिन ‘आर्टिकल 370’ की खासियत यही है कि इसका पूरा ड्रामा बड़ी कलाकारी के साथ रचा गया है और थ्रिलिंग तरीके से आगे बढ़ता है। यामी गौतम का काम इस फिल्म में इतना दमदार है कि ‘Article 370‘ को उनकी करियर बेस्ट परफॉरमेंस कहा जा सकता है।
क्लोज-अप्स में उनकी आंखें चेहरे के एक्सप्रेशन और आवाज बेहतरीन असर करते हैं। राजेश्वरी एक रोल में प्रियामणि भी बहुत दमदार लगती हैं। वैभव तत्ववादी और राज अर्जुन की परफॉरमेंस भी याद रहने वाली है। ‘Article 370‘ के पूरे नैरेटिव को बैकग्राउंड स्कोर से बहुत हेल्प मिलती है। सिनेमेटोग्राफी, साउंड और प्रोडक्शन के मामले में ये एक टेक्निकली सॉलिड फिल्म है। और बहुत असरदार तरीके से अपने नैरेटिव को आगे बढ़ाती है। इसलिए दर्शक के तौर पर ये समझना महत्वपूर्ण हो जाता है कि आखिरकार पर्दे पर दिखाई जा रही हैं।
‘Article 370’ की बेहतरीन सिनैमेटोग्राफी
‘Article 370’ को कश्मीर की कुछ रियल लोकेशंस पर फिल्माया गया है। सिद्धार्थ वासानी ने कश्मीर की सिनेमैटोग्राफर को बहुत से कैमरे में कैद किया है। उनके हर फ्रेम से घाटी की खुशबू आती है। फिल्म की स्क्रिप्ट कमाल की है। 2 घंटे 40 मिनट में ‘आर्टिकल 370’ काफी हद तक आपको बांधे रखने में कामयाब रहती है। मेकर्स फिल्म के पहले पार्ट में कहानी के ऑरिजन को दिखाते हैं और इंटरवल के बाद इसमें तेजी है। फिल्म दूसरा पार्ट थोड़ा वाइड नजर आता है।
यह भी पढ़ें |
All Image by Google