Cattle Farming Loan: एक Media रिपोर्ट में रेवाड़ी DC राहुल हुड्डा (Rewari DC Rahul Hooda) ने जानकारी देते हुए बताया कि पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना ( cattle farming loan) के तहत किसान अपने पशुओं की देखभाल के लिए होने वाले खर्च के लिए पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लोन प्राप्त कर सकता है।
कोई भी पशुपालक एक लाख 60 हजार रुपए तक की राशि की लिमिट तक का पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड बिना कोई जमीन गिरवी रखे व बिना किसी गारंटी के कोलैटरल सुरक्षा बनवा सकता है। तो आइये जानते है कि कैसे आप अपने पशुओं के लिए लोन ले सकते हैं।
कैसे मिलेग पशुधन से ब्याज का लाभ
यदि कोई पशुपालक इस राशि से अधिक लिमिट का पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना चाहता है तो उसे अपनी जमीन या कोई जमानत देना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड धारक को सालाना सात प्रतिशत साधारण ब्याज दर पर बैंक द्वारा ऋण दिया जायेगा।
DC ने स्पष्ट किया कि यदि कार्डधारक अपने ऋण का समय पर भुगतान करता है तो उसे केंद्र सरकार की तरफ से तीन प्रतिशत ब्याज दर का अनुदान दिया जाएगा तथा उस पशुपालक को यह लोन केवल चार प्रतिशत के हिसाब से चुकाना होगा। पशुपालक के DC ने बताया कि सात प्रतिशत ब्याज दर के हिसाब से अधिकतम तीन लाख रुपये तक की ऋण राशि पर केंद्र सरकार की ओर से तीन प्रतिशत ब्याज दर का अनुदान दिया जायेगा।
कार्डधारक द्वारा ऋण की राशि जरूरत के अनुसार समय-समय पर ली जा सकती है और सुविधा अनुसार जमा करवाई जा सकती है। कार्ड धारक को ऋण राशि निकलवाने या खर्च करने के एक साल की अवधि के अन्दर किसी भी एक दिन लिए गए ऋण की पूरी राशि को जमा करवाना अनिवार्य है ताकि साल में एक बार ऋण शून्य हो जाए।
पशुधन के लिए सरकार देगी लोन
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कई श्रेणियों के तहत लोन का वितरण करता है। इसमें दूध को इकट्ठा करने से लेकर भवन निर्माण, ऑटोमैटिक मिल्क मशीन, मिल्क कलेक्शन सिस्टम और दूध के ट्रांसपोर्ट के लिए गाड़ी खरीदने के लिए कम ब्याज दरों पर लोन मिल सकता है। डेयरी बिजनेस के लिए लोन की ब्याज दरें 10.85 प्रतिशत से चालू होती है और 24 प्रतिशत तक जाती हैं। ये पूरी तरह किसान या पशुपालक के ऊपर है कि वो कितनी रकम का लोन, कितने समय के लिए लेना चाहते हैं, उसी हिसाब से ब्याज की दर अदा की जाती है।
सरकार इन कामों के लिए देगी लोन
डेयरी Business में भवन निर्माण से लेकर दूध इकट्ठा करने, प्रोसेसिंग, स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन जैसे कई काम होते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी इन सभी उद्देश्यों के लिए अलग-अलग दरों पर लोन की सुविधा देती है। उदाहरण के लिए ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन सिस्टम के लिए 1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है।
डेयरी फार्मिंग के लिए भवन निर्माण के लिए 2 लाख रुपये, मिल्क की कोल्ड स्टोरेज मशीन के लिए 4 लाख रुपये और दूध ढ़ोने वाली गाड़ी यानी मिल्क टैंक ट्रांसपोर्टेशन के लिए 3 लाख रुपये तक के लोन का प्रावधान है। अब ये किसान और पशुपालकों के ऊपर निर्भर करता है कि वो 6 महीने से लेकर 5 लाख की अवधि के लिए लोन स्कीम का लाभ ले सकते हैं।
सरकार भी देती है सब्सिडी
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलाना कई सहकारी बैंक या नाबार्ड (NABARD) से भी डेयरी बिजनेस के लिए लोन ले सकते हैं, जिस पर ये संस्थाएं सब्सिडी भी देती है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने डेयरी उद्यमिता विकास योजना (Dairy Entrepreneurship Development Scheme) भी चलाई है।
इस स्कीम के तहत दूध-डेयरी का बिजनेस करने के लिए सरकार 25 फीसदी तक अनुदान देती है। अगर आप 10 दुधारु पशुओं के साथ डेयरी बिजनेस करना चाहते हैं तो आरक्षित कोटे के लाभार्थियों के 33 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) या पशुपालन विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।
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