Manohar Joshi Death: मनोहर जोशी को कौन नहीं जानता मनोहर जोशी पूर्व में महाराष्ट्र के CM रहे जिनका आज देहांत हो गया है जिसका कारण दिल का दौरा पड़ना था मनोहर जोशी ने अपने जीवन में काफी मुसीबतों का सामना किया मनोहर जोशी ने शिक्षक से लेकर मुख्यमंत्री और फिर लोकसभा स्पीकर का पद संभाला और इन्होंने सभी पदों पर अपनी ईमानदारी बनाए रखी जिस कारण से इन्होंने लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली थी उनका आज देहांत हो जाने पर सभी लोग दुख का माहौल महसूस कर रहे हैं।
तो आज हम मनोहर जोशी के जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण किस्सों पर बात करेंगे यदि हम मनोहर जोशी के शुरुआती जीवन से स्टार्ट करें तो मनोहर जोशी सबसे पहले आरएसएस से संबंधित रहे और जब 1966 में शिवसेना की स्थापना हुई तो मनोहर जोशी ने इससे जुड़ने का फैसला लिया, अपने जीवन में मनोहर जोशी टीचर से लेकर मुख्यमंत्री और उसके बाद लोकसभा स्पीकर बने तो चलिए जानते हैं कि इनका जीवन परिचय क्या था? और यह अपने जीवन में आने वाली समस्याओं से किस प्रकार भिड़े? और उनकी मौत का कारण क्या था?
कैसे हुई मनोहर जोशी की मौत
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मनोहर जोशी परसों तक बिल्कुल स्वस्थ थे लेकिन उन्हें कल दिल का दौरा पड़ा इसके बाद उन्हें हिंदूजा हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया यहां उन्होंने सुबह यानी की 23 फरवरी की सुबह को अंतिम सांस लिए और अपना शरीर छोड़ दिया।
मनोहर जोशी का शरीर उनके घर में आज दोपहर 2:00 तक रखा जाना था और उसके बाद उनको अग्नि अर्पित की जानी थी यानी की अंतिम संस्कार किया जाना था और मनोहर जोशी का अंतिम संस्कार दादर शमशान भूमि में किया जाएगा। मनोहर जोशी के परिवार में ही नहीं पूरे भारत में आज दुख का माहौल है। क्योंकि मनोहर जोशी एक ईमानदार और स्वाभिमानी व्यक्ति थे।
मनोहर जोशी ने की इन पदों पर सफलता हासिल..
- मनोहर जोशी ने अपने जीवन में काफी समस्याओं का सामना किया और अपनी ईमानदारी के चलते कई पदों पर सफलता हासिल की सबसे पहले मनोहर जोशी एक टीचर थे इसके बाद उन्होंने आरएसएस से अपना नाता जोड़ा लेकिन उसके बाद जब 1966 में शिवसेना की स्थापना हुई तो उन्होंने शिवसेना की और अपना मुख मोड़ा और वह शिवसेना से जुड़ गए।
- इसके बाद मनोहर जोशी 1 साल के लिए मुंबई के मेयर भी रहे और यह समय 1976 से 1970 का समय था ।
- इसके बाद जब महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार स्थापित हुई और महाराष्ट्र में भाजपा का काफी दबदबा रहा तो उसे समय मनोहर जोशी को सीएम भी बनाया गया।
- और यह केवल 4 सालों के लिए सीएम के पद पर विराजमान रहे इसके बाद इन्होंने 1999 में यह पद छोड़ा
कैसे बने मनोहर जोशी महाराष्ट्र के सीएम?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बालासाहेब ठाकुर मनोहर जोशी के खास मित्र थे और यह एक दूसरे पर काफी ज्यादा विश्वास करते थे इनकी मित्रता तो तब व्यक्त हुई जब बालासाहेब ठाकुर ने सीएम बनने से मना कर दिया और अपने प्रिय मित्र यानी कि अपने करीबी मनोहर जोशी को सीएम के पद पर खड़ा किया और अपनी दोस्ती का फर्ज निभाते हुए मनोहर जोशी ने भी बड़ी ईमानदारी से अपना फर्ज निभाया।
Pained by the passing away of Shri Manohar Joshi Ji. He was a veteran leader who spent years in public service and held various responsibilities at the municipal, state and national level. As Maharashtra CM, he worked tirelessly for the state’s progress. He also made noteworthy… pic.twitter.com/8SWCzUTEaj
— Narendra Modi (@narendramodi) February 23, 2024
कैसे बने मनोहर जोशी लोकसभा स्पीकर?
जैसा कि हमने आपको बताया कि मनोहर जोशी ने 1999 में अपना सीएम का पद छोड़ इसके बाद जब महाराष्ट्र में अटल बिहारी वाजपेई सरकार आई तो उसने मनोहर जोशी को लोकसभा स्पीकर के नाम पर चुना, और मनोहर जोशी को 2 साल के लिए लोकसभा स्पीकर बनाया गया मनोहर जोशी 2002 से लेकर 2004 तक लोकसभा स्पीकर रहे।
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