Dog Breeds: बीते कुछ सालों में, भारत में कुत्तों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है कुछ लोग इन्हें शौंक के तौर पर पालते हैं लेकिन कुछ लोग इन्हें अपनी रखवाली के लिए पालते हैं 2023 के एक सर्वे के मुताबिक भारत में कुल 60 मिलियन यानि की 6 करोड़ कुत्तों की गिनती की गई है।
लेकिन ऐसे मे बीते कुछ सालों में खतरनाक नस्लों के कुत्ते आने लगे हैं जिससे कुत्तों द्वारा इंसानों पर अटैक के मामले भी काफी ज्यादा सामने आने लगे हैं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2019 से लेकर 2022 तक सर्वे के मुताबिक कुल 1.5 मिलियन कुतो द्वारा इंसानों पर अटैक के मामले सामने आए हैं।
बताया जा रहा है की हर साल कुतो के काट जाने से लगभग 60 हजार लोगों की मौत होती है ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को ऐलान कर दिया गया है की पिटबुल, अमेरिकन बुलडॉग जैसे खतरनाक नस्लों के साथ 23 नस्लों के कुतो को पालने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है किसी के साथ केंद्र सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि जिनके पास पहले से ही इन 23 नस्लों के कुत्ते हैं , तो वह अपने कुतो के प्रजनन को रोकने के लिए उनकी नसबन्दी करवानी होगी।
कौन कोनसी नस्लों पर लगाया गया प्रतिबंध.???
डॉक्टर और विशेषज्ञों द्वारा खतरनाक नसों के कुत्तों को पालना मानवों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक बताया गया है अगर ऐसा ही चला रहा तो भी अगले कुछ सालों में कुत्तों के काटने से मरने वाले लोगों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होने वाली है।
इसके अलावा नागरिकों और पशुपालकों और पशु कल्याण संगठनों द्वारा काफी ज्यादा शिकायते देखी जा रही है उनका कहना है कि इन नस्लों के कुत्तों को भारत में प्रतिबंधित किया जाए क्योंकि यह दोनों दिन जानवरों और मनुष्य पर अटैक कर रहे है।।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की निचे बताई गयी नस्लों की लिस्ट मे शामिल सभी नस्लों पर भारत केंद्र सरकार द्वारा रोक लगा दी गई है।
- पिटबुल टेरियर
- टोसा इनु
- अमेरिकन स्टेफोर्डशायर टेरियर
- फिला ब्रासीलिरों
- डोगो अर्जेंटीनो
- अमेरिकन बुलडॉग
- बोअरबोयल कांगल
- मध्य एशियायी शेफर्ड डॉग
- कोकेशियान शेफर्ड डॉग
- दक्षिण रुसी शेफर्ड डॉग
- टोर्नजेक
- सरप्लानिंनेक
- जापानी तोसा
- अकिता
- मासटीफ
- टेरियर्स
- रोडेशियन रिजबेक
- बुल्फ डॉग
- केनारियो
- अकबाश डॉग
- मास्को गार्ड डॉग
- केन कोरसो
- बेंडॉग
क्यों किया गया इन नस्लों को प्रतिबंध??
जैसा कि हमने आपको बताया कि एक सर्वे के अनुसार बताया गया है कि 2019 से 2022 तक 1.5 मिलियन कुत्तों के अटैक देखे गए हैं और बताया जा रहा है कि हर साल लगभग 60 हजार से ज्यादा लोग को डॉग काटने से मौत के शिकार होते हैं जिनमे से कुत्तों के काटने से होने वाले घायल लोगों की संख्या अलग है।
प्राचीन समय में लोगों द्वारा पाले जाने वाले कुत्ते साधारण और बफादार हुआ करते थे लेकिन आजकल काफ़ी खतरनाक और मिक्स, क्रॉस नस्लों वाले कुतो की बिक्री मे काफ़ी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है लोग इन्हे अपने शौंक के लिए पालते है लेकिन बीते कुछ सालो मे इन कुतो द्वारा इंसानों और पालतू जानवरों पर अटैक के मामले सामने आये है, जिसके कारण ग्रामीण नागरिकों, डेयरी विभाग, पशु कल्याण संघटनो द्वारा काफ़ी ज्यादा शिकायते सरकार द्वारा देखी जा रही है क्योंकि यह कुत्ते दिनों दिन खतरनाक होते जा रहे हैं जिससे मानव जीवन पर खतरा बढ़ रहा है।
इसलिए केंद्र सरकार द्वारा इन नस्लों के कुतो पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है।
पहले से पाले कुतो का क्या करें??
केंद्र सरकार द्वारा उन लोगों के लिए अलग आदेश दिया गया है जिन्होंने पहले से अपने घरों मे इन 23 नस्लों के कुत्ते पाल रखे है वें अपने कुतो की जनरेशन को बढ़ने से रोकने के लिए उनको नसबन्द करवाये या फिर अपने कुतो को कुत्ते बेचने वाली किसी शॉप मे वापिस करें अर्थात बेच दें।
अगर वह ऐसा नहीं करते है तो सरकार द्वारा उनके ऊपर कोई भी एक्शन लिया जा सकता है जिनके लिए वह खुद जिम्मेदार होंगे।
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