ETF Return: ETF मे निवेश 10,500 करोड़ रुपए की नई ऊंचाई पर पहुंच गया है, इसके पहले औसतन हर महीने ETF मे 2,500 करोड़ रुपए का निवेश हो रहा था, बाज़ारो मे ETF से जुड़े न्यू फंड ऑफर भी आ रहे है। ETF मे रिटेल निवेशको का मार्च 2024 मे म्यूचुअल फंडो की स्मोल-कैप स्किम्स ने निवेश कम हुआ है, वह लार्ज-कैप और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड जैसे ऑप्शन को तरजीह दे रहे है।
मार्च 2024 मे ETF मे निवेश 10,500 करोड़ रुपए की ऊंचाई पर पहुंच गया है, बल्कि इसके पहले औसतन हर महीने 2,500 करोड़ रुपए का ही निवेश था म्यूचुअल फंड एक्सपर्ट विजय मंत्री कहते है की होटल वाले वही खाना पेश करते है जिसकी डिमांड होती है, जब ETF मे रिटर्न देखकर निवेशक आने लगे तो फंड हाउस भी आने NFO आने लगे।
मंत्री ने बताया की ETF मतलब एक्सचेंज ट्रेडेड फंड का शेयर बाज़ार मे आम स्टॉक की तरह कारोबार होता है पिछले साल एक साल मे कम से कम छह ETF ने 80% से अधिक का रिटर्न दिया है, टॉप मोस्ट राइजिंग फंड मे लगभग 110% की ग्रोथ हुई है, इनमे वह टॉप पर है जो सरकारी कंपनियो मे निवेश करते है। मतलब वे निफ्टी पीएसयू या पीएसई मे निवेश करते है, ऐसे मे रिटेल निवेशक इन पर टूट पड़े है।
ETF क्या है?
अगर आप भी ETF के रिटर्न को देखकर इसमे निवेश करने की सोच रहे है तो आपको पहले इसके बारे मे जानकारी होनी जरूरी है, आपकी जानकारी के लिए बता दे की ETF मतलब एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, जो इंडेक्स, कमोडिटी, ब्रांड्स जैसे असेट को ट्रेक करता है। एम्फी के अनुसार ETF वे फंड है जो CNX निफ्टी या BSE Sensex जैसे इंडेक्स को ट्रैक करते है। जब आप ETF के शेयर/यूनिट खरीदते है, तो आप एक पोर्टोफोलियो के शेयर खरीद रहे है जो इसस्के नेटिव इंडेक्स की यील्ड और रिटर्न को ट्रैक करता है।
PSE ETF क्या है?
Nifty PSE Index में वे कंपनियां शामिल हैं, जिनकी आउटस्टेंडिंग शेयर कैपिटल का 51% प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार या राज्य सरकार के पास है इसमें 20 स्टॉक्स हैं।
क्या है अंतर?
ETF और अन्य प्रकार के इंडेक्स फंड के बीच यह अंतर है की यह अपने संबधित इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश नही करते है, बल्कि केवल इंडेक्स के प्रदर्शन को दोहराते है, ETF पैसिवली मैनेज्ड होते है जिनका उद्देश्य एक विशेष मार्केट इंडेक्स से मेल खाना है।
एक्टिव MF से अलग कैसे करें?
शेयर बाज़ार मे ट्रेडिंग के चलते खरीदना और बेचना आसान है, इसमे निवेश के लिए आपको म्यूचुअल फंड के डिस्ट्रीब्यूटर के पास जाने की जरूरत नही पड़ती है, म्यूचुअल फंड की आम स्कीमों मे अपनी यूनिट्स बेचने के लिए आपको किसी म्यूचुअल फंड कंपनी के पास जाना पड़ता है शेयर बाज़ार मे खरीद-फरिख्त होने से इसकी कीमत रियल टाइम होती है, ETF खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर मे माध्यम से डिमेट अकाउंट खोलना होता है, इसके माध्यम से आप खरीद फरोख्तकर सकते है, यह बात म्यूचुअल फंड स्कीम पर लागू नही होती है।
ये भी पढ़े:
Dividend Stock: बम्पर Dividend के ऐलान से निवेशको की हुई मोज, निवेशको को मिलेगा इतना फायदा !
Money Management Tips: इस फोर्मूले को समझकर करें अपना पैसा निवेश, कभी नहीं होगी पैसो की दिक्कत !
Buy Now Pay Later (BNPL) क्या होता है? कौन सी कंपनी इसकी सुविधा दे रही है |
नमस्कार दोस्तों, हमारे इस वेबसाइट पर आपको सबसे पहले ताजा News Update मिलेगी। चाहे वो Latest News हो, Trending खबरें हो, या Business Ideas या फिर Technology , मनोरंजन व लाइफ स्टाइल से जुड़ी जानकारी।
अगर आप हमारी खबरों का नोटिफिकेशन तुरंत पाना चाहते हैं तो हमारे WhatsApp ग्रुप और टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं।
Image Credit: Google