Fintech Industry: एक नई रिपोर्ट में मंगलवार को यह बताया गया कि द डिजिटल फिफ्थ (The Digital Fifth) के सहयोग से चिराटे वेंचर्स द्वारा जारी किये गए रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दशक में वित्तीय क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी में निवेश में उच्च वृद्धि देखने की उम्मीद है। चिराटे वेंचर्स के संस्थापक और अध्यक्ष, सुधीर सेठी ने कहा, चिराटे का अनुमान है कि 2030 तक उद्यम फिनटेक उद्योग में 20 अरब डॉलर से अधिक का अवसर होगा और फिनटेक एक फोकस क्षेत्र होने के साथ, हम भारत की वित्तीय सेवाओं को बदलने वाले संस्थापकों के साथ काम करने के इच्छुक हैं।
2021 में भारतीय फिनटेक इंडस्ट्री का मार्केट साइज 31 बिलियन डॉलर था, और 2025 तक 150 बिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। फिनटेक ट्रांजेक्शन वैल्यू साइज 2019 में 66 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023 में 138 बिलियन डॉलर, 20% की CAGR से बढ़ रही है। लेकिन, अब आपको भारत में इस इंडस्ट्री के लिए बनाए गए कानून और रेग्यूलेशन (Law & Regulations) के बारे में भी जान लेना चाहिए। तो आइये Fintech Industry के बारे में जानते हैं।
10 सालों में हो जाएंगे बहुत बड़ा बदलाव
एक रिपोर्ट के अनुसार पता चला है कि बैंक (Bank) और एनबीएफसी (NBFC) अगले 10 वर्षों में खुदरा और एमएसएमई (MSME) क्षेत्रों के लिए पूरी तरह से डिजिटल हो जाएंगे। चिराटे वेंचर्स (Chirate Ventures) के संस्थापक और उपाध्यक्ष टी.सी. मीनाक्षीसुंदरम ने भी यही कहा हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि फिनटेक और एम्बेडेड फाइनेंस खिलाड़ी बैंकों के साथ साझेदारी में ग्राहक जुड़ाव बढ़ा रहे हैं, और यह डिजिटल धक्का धीरे-धीरे व्यापार वित्त और ट्रेजरी सहित जटिल व्यावसायिक बैंकिंग तक फैल रहा है।
अब भारत बन रहा है कैशलेस इकनॉमी
भारत तेजी से कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था में तब्दील हो रहा है और अगले दशक में इसे खत्म करने का लक्ष्य रखेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वैश्विक स्तर पर नौवां सबसे बड़ा जीवन बीमा बाजार है और 2027 तक इसके 200 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। द डिजिटल फिफ्थ (The Digital Fifth) के सह-संस्थापक और CIO समीर सिंह जैनी ने कहा, इस क्षेत्र की विशिष्टता बाजार को चलाने के लिए कई दावेदारों की क्षमता में निहित है।
इस क्षेत्र में हर सफलता BFSI दायरे से होकर गुजरती है, इसे दस गुना आगे बढ़ाती है। कैशलेस अर्थव्यवस्था और GST स्थिर होने पर छोटे कारोबारों में बड़े बदलाव दिखाई देंगे।
Data का इस्तेमाल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए होगा। तब भारत एक चमकदार भविष्य में कदम रखेगा। भारत में 99 फीसदी मोबाइल यूजर्स प्री पेड हैं। यह प्रीपेड इकनॉमी के फुट प्रिंट हैं। अब यह पोस्ट पेड में शिफ्ट हो रहे। डेटा क्रांति कारोबारी जगत का दृश्य बदलकर रख देगी।
वैश्वीकरण में साल दर साल जॉब के नेचर बदल रहे हैं। पुरानी तरीके की नौकरियां खत्म हो रही हैं। नए तरह के अवसर पैदा हो रहे हैं। नौकरियों की इस नईदुनिया को हमें स्वीकार करना होगा। एक समय चीन मैन्युफैक्चर में सुपर पावर बन गया हैं।
2030 तक होगी MSME इंडस्ट्री 1 ट्रिलियन डॉलर कि
MSME सेक्टर के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा Kaizen Institute भारत के MSME सेक्टर को 2030 तक 1 trillion dollars तक पहुंचने का अनुमान लगा रहा है। इसके Joint Managing Director जयन्त मूर्ति बताते हैं कि भारत के 95 प्रतिशत से अधिक MSME को सूक्ष्म-फर्मों के रूप में पहचाने गए हैं, जो अक्सर सीमित संसाधनों के साथ काम करते हैं और नए बाजारों में विस्तार करने के लिए संघर्ष करते रहते हैं, इसलिए उनकी चुनौतियों का समाधान करना जरूरी है।
बड़े उद्यमों की तुलना में MSME को कम परिचालन मार्जिन का सामना करना पड़ता है, जिससे उन्हें पनपने में बाधा आती है। इसके अतिरिक्त, औपचारिक लोन तक पहुंच की कमी के कारण MSME महंगे अनौपचारिक ऋण विकल्पों पर निर्भर हैं।
यह भी पढ़ें |
Robotics Business Ideas: आज से ही स्टार्ट करे ये रोबोटिक बिजनेस, कमाई 2 लाख हर महीने
Google Play Store से अभी करे डाटा क्लियर, डबल स्पीड में चलेगी फ़ोन – ये है आसान तारका !
Digital Detox Initiative: इंसान की मेंटल हेल्थ को बिगाड़ रहे है गैजेट्स, सरकार भी है इससे परेशान
Ask QX AI Chatbot: QX Lab AI ने लॉन्च किया अपना पहला AI, 100 भाषायो में उपलब्ध और ChatGPT से भी तेज।