Gopashtami 2024: हिन्दू धर्म के लिए गोपाष्टमी को बहुत बड़ा महत्त्व दिया गया है, जोकि विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण और गौ माता की पूजा का दिन होता है। इस दिन को गौ पूजा और गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है। गोपाष्टमी के दिन गौ माता को सम्मान देने और भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अर्चना की जाती है। गोपाष्टमी का यह पर्व न केवल गायों, बल्कि भगवान श्री कृष्ण की पूजा का शुभ अवसर भी माना जाता है।
इस खास दिन गाय की पूजा करने से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। मान्यता के मुताबिक, इस दिन गाय की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। आज हम आपको गोपाष्टमी की पूजा विधि और इसका धार्मिक महत्व के बारे में बताने जा रहे है, तो आइये इसके बारे में जानते है।
जानिए क्यों मनाई जाती है गोपाष्टमी?
भारत में गाय को एक पूज्य स्थान दिया है, धार्मिक रूप से भी हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा भी दिया गया है। यही कारण है कि हिंदू आस्था व मान्यताओं में गाय का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
सनातन धर्म में गोपाष्टमी पर्व का बड़ा धार्मिक महत्व है। इस दिन गाय और बछड़ों की पूजा अर्चना की जाती है और अच्छे से सजाया जाता है। ऐसा मान्यता है कि गोपाष्टमी की शाम को गाय की पूजा करने से सुख समृद्धि के साथ-साथ धन लाभ की भी प्राप्ति होती है।
कब है गोपाष्टमी?
खबरों के मुताबिक, इस साल कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 8 नवंबर 2024 को रात 11:56 से हो रहा है, जिसका समापन 9 नवंबर 2024 को देर रात 10:46 पर होगा। इसके साथ ही उदयातिथि के आधार पर गोपाष्टमी का पर्व 9 नवंबर 2024, दिन शनिवार को मनाया जाएगा।
क्या है गोपाष्टमी का पूजाविधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले स्वयं स्नानादि करना चाहिए और भगवान कृष्ण के समक्ष दीप प्रज्वलित करें। इसके साथ ही गाय-बछड़े को नहलाकर तैयार करें और गाय को घुंघरू आदि पहनाएं। गौ माता के सींग रंगकर उनमें चुनरी बांधे। अब गाय को भोजन कराए, इसके बाद गाय की परिक्रमा करें। गोधूलि बेला में पुनः गाय का पूजन करें और उन्हें गुड़, हरा चारा आदि खिलाएं। ऐसा करने से आपकी पूजाविधि सम्पूर्ण होती है।
गोपाष्टमी पूजा का धार्मिक महत्व
गोपाष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और गौ माता के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है। गोपाष्टमी का पर्व गायों की पूजा करने के लिए समर्पित है। हिन्दू धर्म में गाय को “कामधेनु” माना गया है। यही नहीं गाय को देवी लक्ष्मी का प्रतीक और घर में सुख-समृद्धि लाने वाली माना जाता है। इसलिए इस दिन गायों को स्नान कराकर, उन्हें सजाकर पूजा किया जाता है। गोपाष्टमी के दिन विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी घटनाओं की याद की जाती है।