Gopashtami Vrat Katha 2024: हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन गोपाष्टमी का पर्व बड़े ही शरधा मन से मनाया जाता है। गोपाष्टमी के दिन गौ माता का पूजन किया जाता है और हिंदू धर्म में गौ माता को पूजनीय स्थान दिया गया है। वैदिक पंचांग के मुताबिक, इस साल 9 नवंबर 2024 को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है।
धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान कृष्ण को गौ माता अति प्रिय हैं और उनकी पूजा करने से वह प्रसन्न होते हैं। अगर आप भी भगवान कृष्ण की कृपा व आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो गोपाष्टमी के दिन कुछ विशेष कार्य जरूर करें। तो चलिए इस गोपाष्टमी के कथा व कुछ विशेष कार्य जरूर करे ताकि भगवान् श्री कृष्ण की कृपा हमेशा बनी रहे।
गोपाष्टमी व्रत कथा
एक पौराणिक कथा के मुताबिक, बालक कृष्ण ने माँ यशोदा से गायों की सेवा करनी की इच्छा व्यक्त की कृष्ण कहते हैं कि माँ मुझे गाय चराने की अनुमति मिलनी चाहिए। उनके कहने पर शांडिल्य ऋषि द्वारा अच्छा समय देखकर उन्हें भी गाय चराने ले जाने दिया जो समय निकाला गया, वह गोपाष्टमी का शुभ दिन था। बालक कृष्ण गायों की पूजा करते हैं, प्रदक्षिणा करते हुए साष्टांग प्रणाम करते हैं।
गोपाष्टमी के अवसर पर गऊशालाओं व गाय पालकों के यहां जाकर गायों की पूजा अर्चना की जाती है। इसके लिए दीपक, गुड़, केला, लडडू, फूल माला, गंगाजल इत्यादि वस्तुओं से इनकी पूजा की जाती है। महिलाएं गऊओं से पहले श्री कृष्ण की पूजा कर गऊओं को तिलक लगाती हैं। गायों को हरा चारा, गुड़ इत्यादि खिलाया जाता है तथा सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।
गोपाष्टमी पर गऊओं की पूजा भगवान श्री कृष्ण को बेहद प्रिय है तथा इनमें सभी देवताओं का वास माना जाता है। कई स्थानों पर गोपाष्टमी के अवसर पर गायों की उपस्थिति में प्रभातफेरी सत्संग संपन्न होते हैं, जिससे भगवान् श्री कृष्ण को काफी प्रशांता हासिल होती है। इस मौके पर प्रवचन एवं भजन संध्या में उपस्थित श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.गो सेवा से जीवन धन्य हो जाता है तथा मनुष्य सदैव सुखी रहता है।
घर में जरूर रखनी चाहिए गाय की मूर्ति
दरअसल, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक गाय की मूर्ति को घर के मंदिर में रखना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके लिए गोपाष्टमी का दिन बहुत ही अच्छा है। इस दिन गाय की प्रतिमा लेकर आएं और मंदिर में स्थापित करें। फिर पूरे विधि-विधान के साथ उनकी पूजा अर्चना करे। ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होगी। इससे भगवान् श्री कृष्ण की कृपा बनी रहती है।
इस विधि से करें गोपाष्टमी की पूजा अर्चना
- 9 नवंबर, शनिवार की सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान आदि कर लें। इसके बाद हाथ में जल-चावल और फूल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- इसके साथ ही गोपाष्टमी के दिन गाय की पूजा करें और कोशिश करें कि इस दिन गाय को चारा जरूर खिलाएं।
- इस दिन गाय या गाय के बछड़े को हरा चारा खिलाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है और समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।
- ऊपर बताए गए शुभ मुहूर्त में दूध देने वाली गाय और बछडे़ की पूजा करें। सबसे पहले चंदन से तिलक लगाएं और फूलों की माला पहनाएं।
- एक साफ बर्तन में पानी लेकर इसमें थोड़े से चावल, सफेद तिल और फूल मिलाकर गाए के पैरों पर डालें और ये मंत्र बोलें।
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