Government Scheme: राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत अब घोड़े ,गधे, खच्चर और ऊंट के पालन और पोषण को भी सरकारी छूट और सब्सिडी देने का फैसला किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में इस मिशन के अन्तर्गत कुछ नई गतिविधियों को शामिल करने का निर्णय किया गया। जिनमें पशु चारा बीज के प्रसंस्करण के बुनियादी ढाचें के विकास चारे की खेती के क्षेत्र का विस्तार और पशु बीमा कार्यक्रम को उदान बनाने का निर्णय शामिल है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुये सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पशुधन मिशन के तहत अब घोड़ा ,गधे ,खच्चर और उूंट के पालन में लगे व्यक्तियों किसान उत्पादक संगठनों (FPO),स्वयं सहायता समूहो (SHG) संयुक्त देनदारी समूह (JLG) तथा धारा आठ की कम्पनियों को 50 प्रतिशत या 50 लाख रूपये तक की पूंजीगत सहायता दी जायेगी ।
एक सरकारी विज्ञप्ति के बाद केन्द्र राज्य सरकारों को घोड़े गधों और उूंटों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए राज्य सरकारोें की मदद करेगा और वीर्य केन्द्र और केन्द्रीय प्रजनन फार्म स्थापित करने के लिए 10 करोड़ रूपये की सहायता सरकार देगी । तो आइये इसके बारे में पूरी जानकारी जानते हैं।
मिलेगा 50% तक सब्सिडी
जानकारी के लिए बता दूं कि, केंद्र सरकार ने घोड़ा, गधा, खच्चर और ऊंट से जुड़े बिजनेस शुरू करने के लिए लोगों व संगठनों को 50% तक सब्सिडी प्रदान करने सहित अलग-अलग गतिविधियों को शामिल कर राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना (National Livestock Mission Scheme) में संशोधन को मंजूरी दी। संशोधित राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत केंद्र सरकार घोड़े, गधे और ऊंट के लिए वीर्य केंद्र और ब्रीडिंग फार्म (Breeding Farm) की खोलने लिए 10 करोड़ रुपये देगी।
किसे मिलेगा इसका फायदा
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) योजना में अतिरिक्त गतिविधियों को शामिल करने की मंजूरी प्रदान की है। संशोधित एनएलएम के तहत, घोड़े, गधे, खच्चर और ऊंट से जुड़े उद्यम स्थापित करने के लिए व्यक्तियों, किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और धारा 8 कंपनियों को 50 प्रतिशत यानी 50 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा घोड़ों, गधों और ऊंटों के नस्ल संरक्षण के लिए भी राज्य सरकार को सहायता मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा, पशुधन बीमा कार्यक्रम को भी सरल बनाया गया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसानों के लिए प्रीमियम का लाभार्थी हिस्सा कम कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बीमा किए जाने वाले पशुओं की संख्या भी पांच से बढ़ाकर 10 कर दी गई है। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, इससे पशुपालकों को न्यूनतम राशि का भुगतान कर अपने पशुओं का बीमा कराने में सुविधा होगी।
FMBAP को 2025-26 तक बढ़ाने का फैसला
मूल्यांकन के फैसले के मुताबिक, अब किसानों को पशु बीमा कार्यक्रम में सिर्फ 15 फीसदी प्रीमियम मिलेगा। फिलहाल यह हिस्सेदारी 20 फीसदी, 30 फीसदी, 40 फीसदी और 50 फीसदी है। शेष प्रीमियम 60 और 40 प्रतिशत के अनुमान पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कवर किया जाएगा। इस संख्या तक समुद्र तट का बीमा किया जाएगा। इनमें भेड़-बकरियां भी शामिल होंगी।
सरकार का कहना है कि इससे किसानों को अपनी बहुमूल्य संपत्ति का बीमा कराने की सुविधा मिलेगी। राष्ट्रीय पशुधन मिशन 2014-15 लॉन्च किया गया। कैबिनेट की आज की बैठक में बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (FMBAP) को 2025-26 तक बढ़ाने का फैसला किया गया। इस पर 2021-22 से 2025-26 तक कुल 4100 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
कम हुआ पशुधन बीमा प्रीमियम
यदि हम बात आकर इसके पशुधन बिमा प्रीमियम कि तो पशुधन बीमा कार्यक्रम को भी आसान बनाया गया है। किसानों के लिए प्रीमियम का लाभार्थी हिस्सा कम कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बीमा किए जाने वाले पशुओं की संख्या भी 5 से बढ़ाकर 10 कर दी गयी है। इससे पशुपालकों को न्यूनतम राशि का भुगतान कर अपने पशुओं का बीमा कराने में सुविधा होगी।
क्या है राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM)?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, वर्ष 2014-15 के दौरान शुरू किए गए राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission)को सतत, सुरक्षित और न्यायसंगत पशुधन विकास के माध्यम से पशुधन पालकों और किसानों, विशेष रूप से छोटे धारकों के जीवन स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से पशुधन क्षेत्र के विकास के लिए तैयार किया गया था।
मिशन के प्रमुख परिणाम आहार और चारे की मांग और उपलब्धता में अंतर को कम करना, स्वदेशी नस्लों का संरक्षण और सुधार करना, पर्यावरण के अनुकूल तरीके से उच्च उत्पादकता और उत्पादन, विशेष रूप से वर्षा वाले क्षेत्रों में और भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों के लिए आजीविका के अवसरों में बढ़ोतरी करना, जागरूकता बढ़ाना, जोखिम कवरेज में सुधार करना और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बेहतर पशु उत्पाद उपलब्ध कराना, पशु पालकों का समग्र सामाजिक-आर्थिक उत्थान करना है।
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