Gurpurab 2025: साल 2025 में गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश दिवस (गुरुपुरब) का पर्व 6 जनवरी, सोमवार को काफी धूम-धाम से मनाया गया। यह दिन सिख धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म हुआ था, जिन्होंने सिखों को अपने अद्वितीय नेतृत्व और साहस से प्रेरित किया था।
इसके साथ ही इस दिन जगह-जगह पर लंगर को आयोजन भी किया जाता है। तो वहीं कई लोग गुरु नानक जयंती पर अखंड पाठ भी कराते हैं। गुरु नानक जी की जयंती से एक दिन पहले प्रभाव फेरी भी निकाली जाती है। तो चलिए इसके बारे में जानते है।
कैसे मनाई जाती है गुरुपुरब की जयंती?
गुरू नानक जयंती के पर्व को सिख धर्म के लोगों द्वारा प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सिख लोग अखंड पाठ का आयोजन करते हैं, जिसमें गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन लोग गुरुद्वारे भी जरूर जाते हैं और वहां जाकर कीर्तन में भाग लेते हैं।
इसके साथ ही इस शुभ दिन पर लंगर का आयोजन भी किया जाता है। कहते हैं इस दिन सच्चे मन से गुरु नानक जी का ध्यान कर उनका स्मरण करने से मन को शांति प्राप्त होती है। साथ ही मन्नतें अवश्य पूरी होती हैं।
क्या है गुरुपुरब की जयंती का महत्व?
सिख समुदाय में गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मौके पर उनके अनुयायी उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। गुरु गोविंद सिंह जी ने सिख धर्म को नई दिशा दी। उन्होंने खालसा पंथ को स्थापित किया। इसके साथ ही पांच ककार को अनिवार्य बनाने का कार्य किया है, उन्होंने धार्मिक सहिष्णुता और आत्मनिर्भरता का संदेश लोगों को दिया।
गुरु गोबिंद सिंह जी के महत्वपूर्ण सन्देश?
गुरु गोबिंद सिंह जी हमेशा कहते थे कि जिसमें सच्चाई के मार्ग पर चलने वाले लोग सम्मान और प्रेम के हकदार हैं। समाज में ईमानदारी और सच्चाई का सम्मान बनाए रखना चाहिए। भगवान के विनम्र सेवक भगवान के नाम को ही अपना सबसे बड़ा मित्र मानते हैं। वे केवल भगवान का नाम लेते हैं और उसी पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उनके लिए भगवान के नाम के अलावा किसी और मित्र का कोई महत्त्व नहीं है। यह उनके जीवन का प्रमुख सत्य है जिसे वे हमेशा याद रखते हैं।
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