Happy Makar Sankranti: इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, जिसका अर्थ है कि सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ता है। मकर संक्रांति से मौसम परिवर्तन की शुरुआत होने लगती है।
माना जाता है कि मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन दान करना शुभ होता है। दरअसल सूर्य की दो स्थितियां बताई जाती हैं, उत्तरायण और दक्षिणायण। दोनों की अवधि छह-छह महीने की होती है। जब सूर्य उत्तर दिशा की ओर गमन करते हुए मकर राशि से मिथुन राशि तक भ्रमण करता है, तो इसे उत्तरायण कहते हैं।
जब दक्षिण दिशा की ओर कर्क राशि से धनु राशि तक का भ्रमण करता है, तो इसे दक्षिणायण कहा जाता है। उत्तरायण को प्रकाश का समय कहा गया है, और काफी शुभ माना गया है। इसमें दिन बड़े हो जाते हैं और रात छोटी हो जाती हैं। जबकि दक्षिणायन में रात बड़ी हो जाती हैं, और दिन छोटे हो जाते हैं।
मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का धार्मिक महत्व क्या है?
मकर संक्रांति (Makar Sankranti)के दिन गंगा स्नान, सूर्य की उपासना व तीर्थ स्थलों पर स्नान दान विशेष पुण्यकारी होता है। इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है। मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन तिल का बहुत महत्व है। कहते हैं कि तिल मिश्रित जल से स्नान, शरीर में तिल का तेल मालिश करने से पुण्य फल प्राप्त होता है और पाप नष्ट हो जाते हैं।
उत्तरायण को क्यों शुभ माना जाता है?
उत्तरायण को प्रकाश का समय कहा जाता है। इसमें दिन बड़े होने के कारण व्यक्ति की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। इसे देवताओं का समय माना जाता है और पुण्य काल कहा गया है। इस दौरान दान, यज्ञ और मांगलिक कार्य आदि शुभ माने गए हैं। गीता में बताया गया है, कि उत्तरायण काल में शरीर का त्याग करने पर मोक्ष की प्राप्ति ही होती है।
मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का वैज्ञानिक महत्व क्या है?
ग्रहों के राजा सूर्य देव सभी 12 राशियों को प्रभावित करते हैं, लेकिन कर्क व मकर राशि में इनका प्रवेश अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन दोनों राशियों में सूर्य देव का प्रवेश छ: माह के अंतराल पर होता है।
वैज्ञानिक नजरिए की बात करें तो पृथ्वी की धुरी 23.5 अंश झुकी होने के कारण सूर्य छः माह तक पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध के निकट होता है और शेष छः माह दक्षिणी गोलार्द्ध के निकट होता है। मकर संक्रांति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्ध के निकट होती है यानी उत्तरी गोलार्ध से अपेक्षाकृत दूर होता है।
जिसकी वजह से उत्तरी गोलार्ध में रातें बड़ी एवं दिन छोटे होते हैं और इस समय सर्दी का मौसम होता है। वहीं मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से सूर्य का उत्तरी गोलार्ध की ओर आना शुरू हो जाता है, इसलिए इस दिन से उत्तरी गोलार्ध में रातें छोटी एवं दिन बड़े होने लगते हैं और ठंड कम होने लगती है।
मकर संक्रांति के दिन ये खास उपाय अपने घर में जरूर करें
(Makar Sankranti) मकर संक्रांति के दिन घर में ये काम करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है जोकि खास तोर पर निचे निम्नलिखित है।
- इस दिन कंबल, गर्म कपड़े, घी, दाल चावल की खिचड़ी और तिल का दान करने से गलती से भी हुए पापों से मुक्ति मिलती है, और जीवन में सुख समृद्धि आती है।
- मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और सूर्य देव को चढ़ाए जाने वाले जल में तिल अवश्य डालें। ऐसा करने से इंसान की बंद किस्मत के दरवाज़े खुल जाते हैं।
- कुंडली में मौजूद किसी भी तरह का सूर्य दोष को कम करने के लिए तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करें।
- इस दिन पितरों की शांति के लिए जल देते समय उसमें तिल अवश्य डालें, ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
- अगर आर्थिक रूप से कोई समस्या आ रही है तो इस दिन घर में सूर्य यंत्र की स्थापना करें और सूर्य मंत्र का 501 बार जाप करें।
- मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन स्नान करने के पानी में काले तिल डालें, तिल के पानी से स्नान करना बेहद ही शुभ माना जाता है, साथ ही ऐसा करने वाले व्यक्ति को रोग मुक्ति मिलती है।
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