Kamika Ekadashi 2024: गीता और पुराणों के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल का कामिका एकादशी आज यानि 31 जुलाई 2024 को है। धार्मिक का मानना है कि इस व्रत को करने से जातक को सभी पापों से छुटकारा मिलता है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
इसके साथ ही यह विशेष दिन श्रीहरि विष्णुजी को समर्पित माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं होता है, और कहा जाता है कि कामिका एकादशी का व्रत रखने से साधक पर विष्णुजी की कृपा बनी रहती है। तो आइये इसके कथा और महत्त्व के बारे में जानते है।
कामिका एकादशी का महत्व
एकादशी व्रत रखने से आपको भौतिक सुख भी प्राप्त होते हैं और साथ ही जो लोग आध्यात्मिक क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, उनके लिए भी यह दिन बेहद अहम होता है। जो लोग मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं उन्हें एकादशी तिथि के दिन, कुछ समय निकालकर ध्यान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से आप मानसिक परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं।
कामिका एकादशी 2024 का शुभ मुहूर्त और व्रत पारण विधि
इस साल के कामिका एकादशी का व्रत पारण का समय 1 अगस्त को सुबह 05 बजकर 38 मिनट से 08 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। आइए अब जान लेते हैं कि, इस दिन आपको पूजा कैसे करनी चाहिए।
हिंदू शास्त्रों के मुताबिक इस व्रत का पारण एकादशी तिथि के समाप्त होने के बाद द्वादशी तिथि में किया जाता है। पारण के समय विशेष ध्यान रखें कि सूर्योदय के बाद और द्वादशी तिथि के समय के भीतर ही पारण करें। पारण के दौरान सुबह जल्दी उठकर विधि-विधान से पूजन करें।
कामिका एकादशी व्रत की कथा
प्राचीन समय में एक गांव में पहलवान रहता था। वह दिल का बेहद अच्छा इंसान था, लेकिन उसका स्वभाव बहुत क्रोध करने वाला था। एक दिन उनका एक ब्राह्मण से झगड़ा हो गया और उन्होंने क्रोध में आकर ब्राह्मण की हत्या कर दी। पाप का प्रायश्चित करने के लिए ब्राह्मण का अंतिम संस्कार करने की इच्छा व्यक्त की। लेकिन ब्राह्मणों ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया।
ठाकुर पर ब्रह्म हत्या का दोष लग गया, एक दिन ठाकुर ने एक मुनि से ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति का उपाय पूछा, तब मुनि ने इस पाप से मुक्ति पाने के लिए कामिका एकादशी व्रत रखने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि विधिपूर्वक इस व्रत को रखने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
ठाकुर ने मुनि के बताए अनुसार कामिका एकादशी व्रत रखा और भगवान विष्ण की विधि-विधान से पूजा की, उसके बाद भगवान श्रीहरि ने स्वप्न में ठाकुर को दर्शन दिए और उसे ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति प्रदान की, साथ ही मान्यता यह भी है कि जो व्यक्ति कामिका एकादशी व्रत कथा सुनता है भगवान उसे सभी पापों से मुक्ति दिलाते हैं।
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