Leo Box Office Collection : जैसा कि हम सभी जानते हैं, थलापति विजय (Thalapathy Vijay) की फिल्म लियो (Leo) सिनेमाघरों में 19 अक्टूबर को रिलीज हो चुकी है | इस फिल्म को दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे थेअब जाकर यह इंतजार खत्म हो चुका है |
मैं बता दूं कि पहले दिन विजय के फैंस ने उन्हें ढेर सारा प्यार तोहफे में दिया हैयह इसलिए क्योंकि उनकी फिल्म (LEO) नेबंपर कमाई की है वह भी पहले ही दिन, ऐसा बताया जा रहा है कि इस सालसबसे ज्यादा कमाई करने वाली यह पहली फिल्म बन गई है जिसने पहले ही दिनबॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया है | तो जानते हैं, थलापति विजय (Thalapathy Vijay) की फिल्म लियो (Leo) कुल कितनी कमाई की है अपने ओपनिंग Day में |
- सबसे पहले घरेलू बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का ग्रॉस कलेक्शन 65-70 करोड़ से अधिकबताई जा रही है |
- सैकनिल्क की रिपोर्ट के हिसाब से LEO ने अपने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन में ही लगभग सभी भाषाओं में 63 करोड़ से अधिक का कलेक्शन किया है.
- अगर बात करें साउथ पार्ट की | वहीं, तमिलनाडु में ग्रॉस कलेक्शन की बात करें, तो ये लगभग 35 करोड़, कर्नाटक में 20 करोड़ है, और केरला में 15 करोड़ से अधिककी कमाई कर चुकी है |
- बहुत परिचित रिपोर्ट चैनल के मुताबिक, LEO ने ओवरसीज करीब 70 करोड़ का कलेक्शन किया है.
- अगर बात करें विश्व भर की, इस फिल्म का टोटल कलेक्शन करीब 150 करोड़ से भी अधिक है |
- मैं बता दूं कि, LEO ने शाहरुख खान की फिल्म पठान का भी रिकॉर्ड तोड़ डाला, पठान ने पहले दिन 60 करोड़ का कलेक्शनकिया था | जिसे अब विजय की फिल्म (LEO) ने तोड़ दिया है |
दूसरे दिन के लिए भी इस फिल्म की 11 लाख से अधिक टिकट पहले से ही बुक कर लिया गया है जिससे कि दर्शकों को दूसरे दिन टिकट मिलना थोड़ी मुश्किल हो सकती है, कोई आप बता दूं किकुल मिलाकर दूसरे दिन भी थलापति विजय (Thalapathy Vijay) की फिल्म लियो (Leo) सिनेमाघरों मैं लगभग 30 करोड़ से अधिक की कमाई करने की उम्मीद है |
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सुपरस्टार तलपति विजय “Leo” Movie Review
साउथ इंडस्ट्री का सुपरस्टार तलपति विजय को कुछ इस कदर सिनेमाघरों में चर्चा हो रही की, उन्होंने पहले ही दिन से अपने फिल्मों को सुपरहिट कराया और इतनी कमाई की,है की उनकी फिल्मों का फैंस कुछ इस कदर दीवाने हो गए। क्योंकि फैंस इस फिल्मों का काफी ज्यादा दिनों से इंतजार किए और फाइनली वह दिन आ गया की, जिसको फैंस की बेसब्री से इंतजार था।
Leo Films Review (फिल्म समीक्षा) | LEO (लियो) |
लेखक | लोकेश कनगराग एल, रत्न कुमार तथा धीरज वैध |
निर्माता | एसएस ललित कुमार और जगदीश पलानीसामी |
कलाकार | विजय, संजय दत्त, तृषा, प्रिया आनंद, अर्जुन, मैडोना सेबस्टियन और गौतम वासुदेव मेनन आदि |
निर्देशक | लोकेश कनगराज |
रिलीज़ डेट | 19 अक्टूबर 2023 |
पहला दिन कमाई (INDIA) | 65-70 करोड़ |
साउथ इंडस्ट्री के सुपरस्टार तलपति विजय की सिनेमाघर में काफी चर्चा हो रही है जिससे की वह काफी सारी सुर्खियां बटोर रहे हैं। क्योंकि शुक्रवार, को इनकी फिल्म का लोगों को काफी समय से इंतजार था और आज वह घड़ी समाप्त हो गए इस फ़िल्म को फैंस ने काफी ज्यादा अपना प्यार लुटाया है, इस फिल्म की अगर बात करें तो इसमें तलपति विजय,अर्जुन सरजा, संजय दत्त, मेसास्किन और तृषा कृष्णा भी फ़िल्मों में रोल करते हुए नज़र आए।
तलपति विजय की इस फ़िल्मों पर कभी बुरा प्रभाव पड़ा है क्योंकि ‘लियो’ फ़िल्म रिलीज होते ही मेकर्स के लिए बुरी खबर आ गई। जिसका पूरा प्रभाव फिल्मों की कमाई पर पड़ा।
इसकी पूरी कहानी यह है कि “लियो” फ़िल्म को रिलीज होने से पूर्व ही, यह ऑनलाइन लीक हो गई थी | जिसके कारण इस फिल्म को और इसके निर्माता को भारी नुकसान सहना पड़ा | सबसे मेन मुद्दे या है कि साउथ इंडस्ट्री के सुपरस्टार तलपति विजय की सिनेमाघरों में, उनकी फिल्मों को प्रिंट में नहीं बल्कि, एचडी प्रिंट डिस्प्ले में लीक हो गई थी।
इनकी जानकारी सबसे पहले ट्रेड एनालिस्ट मनोबला विजय बालन द्वारा दिए गए। उन्होंने अपने ही सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से सभी को यह बताया कि साउथ की सुपरस्टार तलपति विजय की फ़िल्म सिनेमाघर में हाई क्वालिटी में लीक हो गई, जिनकी वजह से ऑनलाइन ट्रेड पर लियो मेकर्स पर पूरा असर दिखा। जिससे को तलपती विजय साउथ इंडस्ट्री के डायरेक्टर को बहुत ज्यादा शर्मिंदा होना पड़ा।
जानकारी के लिए मैं आपको बता दूं कि फ़िल्म “मास्टर” के बाद फिल्म निर्देशक लोकेश कनकराज और अभिनेता विजय की जोड़ी फ़िल्म ‘लियो’ में दिखाई दी। साथ ही फ़िल्म “कैथी” और “विक्रम” के बाद साउथ के निर्देश लोकेश कनगराज सिनेमैटिक यूनिवर्स की यह दूसरी फिल्म थी। जोकि रिलीज होने से पहले ही फ्लॉप हो गई। इनका मेन कारण यही है कि वह रिलीज होने से पहले ही लोक कर गई।
एक बात और बता दू कि यूनिवर्स के नाम पर लोकेश ने अपने ही प्रसंको के साथ धोखा किया है। जोकि विक्रम और रोलेक्स की दर्शन इंतजार करते रह गए और लेकिन उनको धोखा के सिवा और कुछ नहीं मिला।
अगर हम इस फिल्म की कहानी पर गौर करे तो इसमें यह बताया गया है कि हीरो का रोल निभाने वाले तलपति विजय पार्थिबर्न, जोकि अपनी पत्नी सत्य और दो बच्चों के साथ हिमाचल के शांति जगह पर, कॉफी शॉप से अपना जीवन यापन कर रहे थे। लेकिन एक दिन ऐसा होता ही की उनकी शॉप पर कुछ गुंडो ने हमला कर देते हैं और उनकी बेटी तथा कुछ कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी भी देते हैं।
पार्थीबन जब गैंगस्टर को मारता है तो एंटनी और हेरोल्ड की नजरों के सामने आ जाता है। एंटनी दास और हेरोल्ड दास को लगता है कि पार्थिबन उसका कोई पुराने रिश्तेदार है और तभी से पार्थिबन के जिंदगी में अचानक उथल-पुथल मच जाता है। की वह इस दुर्भाग्य से बाहर कैसे निकाले। और अगर आपने फिल्में “कैथी” और “विक्रम” देखे होंगे तो आपको फिल्म का सारा कहानी समझ में आ गया होगा।
“लियो” फ़िल्म की शुरुआत बड़ी से हुई। लेकिन जैसे की इस फ़िल्मों में लियो दास की एंट्री होते ही कहानी में बहुत बड़ा ट्रस्ट आया। क्योंकि एक समान इंसान जो कि अपने परिवार को चलाने के लिए खुद के cofee shop पर काम करते थे, |
उन्होंने अपने परिवार को बचाने के लिए हर हद को पार किया, इस किरदार के माध्यम से लोकेश कनागराज ने एक आम आदमी की आवाज को उठाया और अपने परिवार की रक्षा के लिए हर मुश्किलों का सामना किया। भले ही इसके लिए उनकी जान ही कुर्बान क्यों ना हो जाए। यह फ़िल्म बहुत ही अच्छी और इंटरेस्टिंग थी | लेकिन कुछ गलतियों की वजह से यह रिलीज होने से पहले ही लीक हो गई।
किसी ने सच ही कहा है कि अति सर्वदा वर्जयेत कहने का तात्पर्य यह है कि जोकि इस फ़िल्म में दिखा, जैसे की अगर कोई भी एक्शन सीन को जरूरत से ज्यादा दिखाए जाते है तो वह दिन ब दिन कमजोर ही बन जाते है। जिनकी वजह से अर्जुन के किरदार ज्यादा किरदार ज्यादा प्रभाव नही डाल पाते है। अगर इनकी इंटरनल की बात की जाए तो फिल्मों में एटलिस्ट धीमी होनी ही चाहिए। इसे कमजोर कहानी का फ्लैशलाइट पता चलता है। जोकि निर्देशक लोकेश कनगराज ने रत्न कुमार और धीरज वैद्य के साथ मिलकर लिखी।
फिल्म में अनिरुद्ध रविचंद्रन का बैकग्राउंड स्कोर कुछ हिस्सों में अच्छा है। लेकिन अगर उनकी पिछली फिल्म ‘विक्रम’ से तुलना करे तो उस मामले में इस फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर थोड़ा कमजोर है। फिल्म के गानों का हिंदी में सही अनुवाद होता तो शायद फिल्म के गाने सुनने में थोड़े से अच्छे लगते।
हां, मनोज परमहंस की सिनेमैटोग्राफी शानदार है। लकड़बग्घे वाले सीन में वीएफएक्स का अच्छा प्रयोग हुआ है। पूरी तरह से एक्शन मसाला फिल्म में ‘लियो’ अगर कहानी पर थोड़ा और काम किया गया होता तो यह एक बेहतरीन फिल्म बन सकती थी।
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