Magh Purnima 2024: वेदों के अनुसार माघ पूर्णिमा का दिन बेहद पवित्र दिन माना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु और धन दौलत की देवी लक्ष्मी मां की पूजा अर्चना की जाती है इसी के साथ व्रत भी रखे जाते हैं ताकि सुख समृद्धि की प्राप्ति हो, हर किसी को माघ पूर्णिमा का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि इस दिन गंगा स्नान कि मान्यता लोगों को अति विशिष्ट लगती है कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से हमारे सारे पाप धुल जाते हैं और हमें एक नई जिंदगी की प्राप्ति होती है.
इस दिन दान करने की मान्यता को बहुत महत्व दिया जाता है वेदों के अनुसार यदि हम इस दिन गरीबों को वस्त्र,अनाज इत्यादि दान करते हैं तो हमें सुख समृद्धि के साथ साथ अत्यधिक धन कि भी प्राप्ति होती हैं।
माघ पूर्णिमा को लोग हर साल तन, मन और जिज्ञासा से मनाते हैं माघ पूर्णिमा को मनाने की मान्यता प्राचीन काल से चली आ रही है हर साल माघ पूर्णिमा को शुक्ल पक्ष के महीने में मनाया जाता है इस वर्ष 2024 में माघ पूर्णिमा को फरवरी में ही मनाया जाएगा जिसकी सही तारीख हमने नीचे बताई है और पूजा करने की उचित विधि भी हमने बताई है कृपया उसे ध्यान से पढ़ें।

23 फ़रवरी को मनाई जाएगी माघ पूर्णिमा
माघ पूर्णिमा का लोगों को बहुत ज्यादा इंतजार है पंचांग द्वारा बताई गई जानकारी के मुताबिक माघ पूर्णिमा की तिथि 23 फरवरी बताई जा रही है 23 फरवरी शाम 3:33 पर प्रारंभ होगी अर्थात शुभ मुहूर्त होगा।
24 फ़रवरी को होगा माघ पूर्णिमा का समापन
जैसा कि हमने आपको बताया कि 23 फरवरी को शाम 3:33 पर माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त होगा इसी के साथ अगले दिन 24 फरवरी शाम के 5:59 पर माघ पूर्णिमा का अंतिम समय होगा या नहीं की माघ पूर्णिमा समाप्त होगी 23 फरवरी को सूर्योदय का समय निकल जाने के कारण 24 फरवरी को पूरे इंडिया में माघ पूर्णिमा को मनाया जाएगा क्योंकि माघ पूर्णिमा के दिन सूर्य को जल अर्पित किया जायेगा, माघ पूर्णिमा के दिन यह है अति महत्वपूर्ण है।
माघ पूर्णिमा पूजा करने कि सही विधि
माघ पूर्णिमा के दिन आपको सबसे पहले प्रातः काल में 3:00 या 4:00 बजे उठना है अब आपको सबसे पहले अपना ध्यान भगवान विष्णु और धन दौलत की देवी मां लक्ष्मी में लगाना है इसके गंगा स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें जो पहले कभी नहीं पहने हो..
इसके पश्चात आपको कुछ जल में काले तिल और कुमकुम डालना है और इसे सूर्य देव को अर्पित करना है अब किसी स्वच्छ जगह पर कोई कपड़ा बिछाए और उसे पर भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता की प्रतिमा या मूर्ति को स्थापित करें अब पूजा करने के लिए उन्हें फूल, तिल, जौ,अक्षत, चंदन, हल्दी आदि सामान अर्पित करें

इसके बाद तेल की बजाय घी डालकर दीपक को जलाएं और भगवान विष्णु की चालीसा को पढ़ कर अपनी पूजा का मुहूर्त करें पूजा करने के पछश्चात् अपनी मन्नतों को मांगे और सुख समृद्धि की मांग करें इसके पश्चात भगवान विष्णु और लक्ष्मी मां को किसी विशिष्ट भोजन से भोग लगे और भोग में तुलसी दल को शामिल करना नहीं भूले क्योंकि तुलसी दल को इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को भोग मे अर्पित करने पर बहुत खुशियां मिलती है और आपका भोग भली भांति स्वीकार किया जाता है। अब बचे हुए भोजन को खुद ग्रहण करें और दूसरों को भी बरतें, क्योंकि यह मान्यता पुराने समय से चली आ रही है।
गंगा नदी स्नान न कर पाए तों क्या करें?
यदि आप इस दिन गंगा नदी का स्नान नहीं कर पाए तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है आप अपने स्नान के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर भी स्नान कर सकते हैं क्योंकि गंगाजल की एक-एक बून्द को पवित्र माना जाता है इससे भी आपको इतनी ही सामर्थ मिलेगी जितनी की गंगाजल से।
इस दिन गरीबों को वस्त्र अनाज इत्यादि दान जरूर करें क्योंकि इससे आपके भाग्य को लेंगे और आपको सुख समृद्धि की काफ़ी ज्यादा प्राप्ति होगी।
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