Mauni Amavasya 2024: हिंदुस्तान ऋषि मुनियों, पौराणिक मान्यताओं, शूरवीरों व देवी देवताओं का देश हैं समय समय पर हिंदुस्तान की धरती पर महामूर्तियों ने जन्म लिया और अपना कर्तव्य निभाया हैं और लोगो ने इनके जन्म को पवित्र दिन मानकर पूजा के लिए विशेष दिन घोषित किया
उन्ही पवित्र दिनों मे से मौनी अमावस्या को एक पवित्र दिन माना जाता हैं यह हिन्दू धर्म के विशेष दिनों मे से एक हैं जो की हर वर्ष माघ के महीने मे मनाई जाती है, अगर हम मौनी अमावस्या को मनाने के पीछे के कारण के बारे मे बात करें तो पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र ऋषि मुनि ऋषि का जन्म हुआ था जिस कारण से इस अमावस्या का नाम मौनी अमावस्या रखा गया।
इस दिन गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों मे लोगो द्वारा स्नान किया जाता हैं माना जाता है की इस दिन पवित्र नदियों मे स्नान करने से सारे पाप धूल जाते है और खुशियों की प्राप्ति होती है इस दिन हिन्दुओं द्वारा भगवान विष्णु ओर शिव की पूजा की जाती हैं मंदिरो मे बहुत बड़े पैमाने पर लोगो की भीड़ रहती हैं, इसी के साथ इस दिन दान करने, स्नान करने, व्रत रखने की भी प्रथा हैं।
कब शुरू होगा Mauni Amavasya का शुभ मुहूर्त
जैसा की हर बार माघ के महीने मे मौनी अमावस्या को मनाया जाता है उसी प्रकार इस वर्ष 2024 मे भी माघ मे महीने यानि की फरवरी की 9 तारीख शुक्रवार को सुबह 7:23 बजे से प्रारम्भ हो रही है और यह अगले दिन अर्थात 10 तारीख सुबह 4:28 पर समाप्ति करेगा
इसी के साथ 9 तारीख सुबह 7 बजे से लेकर शाम 11 बजे तक स्वार्थसिद्धि योग बनेगा इस समय 9 तारीख के दिन कोई भी काम शुरू करना शुभ माना जाता है।
Mauni Amavasya के महत्व के पीछे का कारण-
अगर हम बात करें की मौनी अमावस्या के महत्व की, तो ज्योतिष शास्त्र का कहना हैं की माघ के महीने सूर्य और चंद्र देव दोनों मकर राशि मे उपस्थित होते हैं इसलिए सूर्य और चन्द्रमा दोनों का एक साथ इकठा हो जाने के कारण मौनी अमावस्या को मनाया जाता है।
क्या है Mauni Amavasya में संग़म मे स्नान करने का सच
माना जाता हैं की माघ के महीने मे मौनी अमावस्या के दिन देवराज प्रयागराज संगम मे स्नान करते हैं जो की पूरी तरह से अदृश्य होते हैं और किसी को दिखाई नहीं देते इस दिन सबसे पहले संगम मे नागा साधु स्नान करते हैं और इसके बाद सारे लोग संगम मे स्नान करते हैं। इस दिन संगम मे स्नान 4 बजे से ही शुरू हो जाता है।
Mauni Amavasya में इन चीजों का करें दान
कहा जाता है की यदि हम इस दिन वस्त्र, खान, कपड़े, कंबल, आवला, तिल, अनाज, सरसो तेल गरीबो को दान किया जाता हैं और इसी के साथ गौशाला मे चारे, घास, गुड़ का दान करना अति शुभ होता है ऐसा करने से माना जाता है की लोगो को मोक्ष के साथ खुशियों की प्राप्ति होती हैं और सारे पाप मिट जाते है।
इस दिन शराब पीना , मस्त अंडे खाना, गली गलोच करना, अशुभ बोलना, ज्यादा सोना आदि करना पूरी तरह से बंद और अशुभ माना जाता है।
Mauni Amavasya में ये रहेगी व्रत रखने की प्रकिर्या-
- सबसे पहले आपको सुबह 3 या 4 बजे उठकर किसी पवित्र सरोवर या कुंड मे स्नान करना हैं
- उसके बाद सूर्य देव को जल चढ़ाना हैं और पूजा करनी हैं
- व्रत रख लेने के बाद मोन रहने की कोशिश करें।
- व्रत रखने के बार अशुभ शब्द अपने मुँह से न निकले व कोई गलत काम न करें
- इस दिन भूखे लोगो या भिखारियों को भोजन खिलाना अति शुभ व पवित्र माना जाता है।
- अपने व्रत मे ध्यान लगाए रखे व पवित्र वचनो व भजन सुने।
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