Pankaj Udhas Death: जानकारी के लिए आपको बता दें कि, मशहूर गजल गायक पंकज उधास का 26 फ़रवरी 2024 को निधन हो गया। ऐसा बताया जा रहा है कि गजल गायक का निधन सुबह 11 बजे हो गया था। लेकिन परिवार ने इसकी जानकारी 4 बजे के बाद जारी की. बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से बीमार थे। आपको हैरानी होगी यह जानकारी उनकी बेटी नयाब ने दी।
प्रसिद्ध गायक पंकज उधास 10 दिन पहले पंकज उधास को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद परिवारवालों ने अस्पताल में भर्ती कराया था। परंतु, डॉक्टर उनकी सेहत पर नजर रख रहे थे लेकिन पंकज उधास ने सोमवार 11 बजे आखिरी सांस ली। पंकज उधास 72 वर्ष के थे। वह ‘चिट्ठी आई है’ और ‘जिएं तो जिएं कैसे’ जैसे गीतों और गजलों के लिए जाने जाते हैं।
पारिवारिक सूत्रों से पता चला है कि , पंकज उधास का ब्रीच कैंडी अस्पताल में पूर्वाह्न 11 बजे के करीब निधन हो गया। उधास ने ‘नाम’, ‘साजन’ और ‘मोहरा’ सहित कई हिंदी फिल्मों में पार्श्व गायक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। नयाब ने सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ पर पोस्ट किया कि बहुत भारी मन से, हम आपको पद्मश्री पंकज उधास के 26 फरवरी 2024 को लंबी बीमारी के कारण दुखद निधन होने की सूचना दे रहे हैं।
पंकज उधास का अंतिम संस्कार मंगलवार को होगा। आइये जानते है उनके फेन्स कितने भावुक हुए और उनके परिवार वाले के ऊपर क्या बीत रही हैं।
गजल गायक के पिता थे जमींदार
17 मई 1951 को जेतपुर में जन्मे पंकज उधास एक जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। वह तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई मनहर उधास सिनेमा जगत के जाने-माने गायक थे। उनके एक और भाई निर्मल उधास भी जाने-माने गजल गायक थे। पंकज उधास को अपने बड़े भाई मनहर से गायिकी में आने का चस्का लगा था।
बेटी नयाब ने दी इसकी जानकारी
नयाब उधास ने लिखा, भारी दिल के साथ आप सभी को ये दुखद समाद देना पड़ रहा है कि पद्मश्री पंकज उधास अब नहीं रहे। उन्होंने 26 फरवरी, 2024 को अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
जानें कौन थे पंकज उधास
सिंगर पंकज उधास का जन्म गुजरात के जेतपुर में 17 मई 1951 को हुआ था। 1980 में गजल एल्बम ‘आहट’ से शुरुआत करने के बाद उन्होंने ‘मुकरार’, ‘तरन्नुम’ औ ‘महफ़िल’ जैसे एल्बम से पॉप्युलैरिटी हासिल की थी। तीन साल में ही उन्होंने मनोरंजन जगत में अपनी पहचान बना ली थी। इसके अलावा पंकज उधास ने महेश भट्ट की फिल्म ‘नाम’ में गाना ‘चिट्ठी आई है’ गाया और वो रातोंरात सुपरहिट हो गया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, पंकज उधास तीन भाई थे और सबसे छोटे थे। पिता का नाम केशुभाई उधास और मां का नाम जितुबेन उधास हैं। इनके बड़े भाई मनहर उधास भी जाने-माने बॉलीवुड के सिंगर हैं। भावनगर से स्कूलिंग करने के बाद मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। वहीं, इनके पिता केशुभाई उधास एक सरकारी कर्मचारी थे। केशुभाई की मुलाकात प्रसिद्ध वीणा वादक अब्दुल करीम खान से हुई थी, जिन्होंने बाद में पंकज को ‘दिलरुबा’ वाद्ययंत्र बजाना सिखाया था।
PM मोदी ने भी पोस्ट के जरिये दी श्रद्धांजलि
पंकज उधास के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जाहिर किया है। उन्होंने एक्स पर दिवंगत सिंगर के साथ कुछ फोटोज शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पीएम मोदी ने लिखा- ‘हम पंकज उधास जी के निधन पर शोक जाहिर करते हैं, जिनकी गायिकी कई तरह की भावनाओं को जाहिर करती थीं और जिनकी गजलें सीधे आत्मा से बात करती थीं। वह भारतीय संगीत के एक प्रकाश स्तंभ थे, जिनकी धुनें पीढ़ियों से चली आ रही थीं। मुझे पिछले कुछ सालों में उनके साथ हुई अपनी अलग-अलग बातचीत याद हैं। उनके जाने से संगीत जगत में एक खालीपन आ गया है जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा। उनके परिवार और फैंस के लिए संवेदनाएं। “ओम शांति”
कई अवॉर्ड्स जीते प्रसिद्ध गायक पंकज उधास
पंकज उधास ने सिंगिंग में अपना लोहा मनवाया और अपनी बेहतरीन आवाज के लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया। इनमें सबसे अहम पद्मश्री अवॉर्ड है जोकि उन्हें 2006 में दिया गया था।
कल होगा अंतिम संस्कार
पंकज उधास को उनके बेहतरीन काम के लिए साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। सामने आ रही जानकारी के मुताबिक पंकज उधास का अंतिम संस्कार मंगलवार को होगा।
पहली बार इनाम के तौर पर मिले थे 51 रुपए
पंकज उधास के बड़े भाई मनहर रंगमंच के एक एक्टर भी थे। पंकज ने उनके साथ काम किया और अपने पहले रंगमंच पर ऐ मेरे वतन के लोगों गाया और ऑडियंस उनकी आवाजा कायल हो गए। तब एक दर्शक ने इनाम के तौर पर पंकज को 51 रुपए दिए थे। बाद में पंकज उधास ने संगीत नाट्य अकादमी जॉइन की और तबला बजाना। सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएट होने के बाद उन्होंने एक बार में काम किया। उसके बाद उन्होंने, गजल गायक की ओर अपनी प्रतिभा बढ़ाई।
पंकज उधास की पत्नी
पंकज उधास ने साल 1982 में एयर होस्टेस रहीं फरीदा उधास से शादी की थी। दोनों की लव मैरिज हुई थी। उनके दो बच्चे हैं- रेवा और नयाब उधास।
ये सारी अवॉर्ड्स मिलें थे पकंज उधास को
पंकज उधास ने अपने बेहतरीन गानों के दम पर कई अवॉर्ड्स अपने नाम किए हैं। चलिए एक नजर गायक के अवॉर्ड्स पर डालते हैं।
- पद्म श्री (2006)
- गालिब अवॉर्ड (2013)
- संगीत नाटक एकेडमी अवॉर्ड
- फिल्मफेयर अवॉर्ड (बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर)
पंकज उधास के दिल छू जानें वाली गाने
- चिट्ठी आई है
- चांदी जैसा रंग है तेरा
- थोड़ी थोड़ी पिया करो
- आहिस्ता आहिस्ता
- ना कजरे की धार
- जिए तो जिए कैसे बिन आपके
- सबको मालूम है मैं शराबी नहीं
- एक तरफ उसका घर
- घुंघरू टूट गए
बहुत संघर्ष के दौर से गुजरे
पढ़ाई पूरी करने के बाद पंकज उधास ने जब बॉलीवुड में अपना करियर शुरू किया तो बड़े-बड़े धुरंधरों जैसे मोहम्मद रफी, किशोर कुमार और मुकेश पहले से ही इंडस्ट्री पर राज कर रहे थे। ऐसे में उन्हें अवसर नहीं मिल पा रहा था। जब प्लेबैक सिंगिंग में बात नहीं बनी तो पंकज उधास ने गजल में हाथ जमाया और उर्दू सीखी।
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— NBT Entertainment (@NBTEnt) February 27, 2024
पंकज उधास ने सालों पहले परिवार से लड़कर की थी पारसी लड़की से शादी, गर्लफ्रेंड फरीदा ने पैसे न होने के बावजूद की मदद #omshanti #PankajUdhas #PankajUdas #PankajUdhasDeath #PankajUdhasRIP #PankajUdaas
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