Home Loan: अब होम लोन लेने के लिए जरुरी नहीं कि, आपके अकाउंट में नियमित सैलरी आनी ही चाहिए। इसी को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार एक नए मॉडल पर काम कर रही है। इस मॉडल के मुताबिक, बैंक डिजिटल पेमेंट हिस्ट्री के आधार पर ही होम लोन दे सकेंगे। इसके साथ ही छोटे कारोबारियों को भी इसी आधार पर कारोबार के लिए लोन मिल सकेगा।
बैंक अब होम लोन के लिए सैलरी या क्रेडिट स्कोर जैसी चीज नहीं बल्कि डिजिटल पेमेंट हिस्ट्री देखेंगे। हालाँकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) क्रेडिट के लिए MSME का मूल्यांकन करना चाहते हैं तो उन्हें बाहरी मूल्यांकन पर निर्भर रहने के बजाय अपनी आंतरिक क्षमता का निर्माण करना होगा।
इसके अंतर्गत नए मॉडल के तहत, बैंक MSME का क्रेडिट मूल्यांकन उसके डिजिटल फुटप्रिंट (डिजिटल पेमेंट हिस्ट्री) के आधार पर करेंगे न कि उसकी बैलेंस शीट के आधार पर। तो चलिए इसके बारे में पूरी जानकारी जानते है।
क्या बोले वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी
एक मीडिया रिपोट में इंटरव्यू के दौरान वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने कहा कि बजट में MSME के लिए नए क्रेडिट मूल्यांकन मॉडल घोषित किए गए हैं। अब वित्त मंत्रालय किसी भी शख्स के डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर होम लोन प्रदान करने के लिए एक समान उत्पाद विकसित कर रहा है, जिससे उन लोगों लाभ मिलेगा, जो होम लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं और जिनका क्रेडिट स्कोर या क्रेडिट योग्यता निर्धारित करना आसान नहीं है।
आगे यह भी बताया कि, अभी तक बैंकों से होम लोन केवल उन लोगों को उपलब्ध है, जो केवल वेतनभोगी हैं या टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं। जिन लोगों के पास ये डॉक्यूटमेंट नहीं हैं, बैंक नए मॉडल के तहत उनके डिजिटल फुटप्रिंट देखकर उन्हें लोन दे सकते हैं।
3 महीने में विकसित हो जाएगा नया मॉडल
वित्तीय सेवा सचिव के अनुसार नए मॉडल को अगले 3 महीने में विकसित कर दिया जायेगा। होम लोन के दौरान बैंक आवेदनकर्ता की डिजिटल पेंमेंट हिस्ट्री को देखेंगे यानी कि उस शख्स ने कितनी रकम कहां खर्च की है और कहां से आई है।
इसके आधार पर ही तय होगा कि उस शख्स को कितना लोन मिल सकेगा। वहीं MSME के लिए नए क्रेडिट असेसमेंट मॉडल पर जोशी ने कहा कि वर्तमान में बैंक MSME को लोन देने से पहले उनकी बैलेंस शीट और अकाउंट स्टेटमेंट देखते हैं और सरकार अब इसे बदलने की योजना पर काम कर रही है।
सैलरीड क्लास वालों को जल्दी मिल जाता है होम लोन
वैसे तो आजकल के पैटर्न अनुसार सैलरीड क्लास को होम लोन मिलना बहुत आसान है। बैंक लोन देने के लिए योग्य उम्मीदवार की बैंक स्टेटमेंट और क्रेडिट स्कोर देखती हैं। इसी के आधार पर उपभोक्ता को लोन की योग्यता तय होती है।
अब नए मॉडल के आने से सैलरी हो या न हो, आपने अकाउंट में कितनी रकम आई है और कितनी खर्च की है, इसी के आधार पर बैंक लोन दे देंगे। हालांकि इससे जुड़े ज्यादा नियम तभी स्पष्ट होंगे, जब यह मॉडल विकसित हो जाएगा।
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