Ayodhya Ram Mandir: आज पूरे रामलला की नगरी में प्रभु श्री राम की आने की तैयारी में कोई भी कसार नहीं छोरी जा रही है। हर एक गलियों से लेकर के बड़े-बड़े हाइवे तक राम भगवान् की भक्तो की कतार लग चुकी है। आज अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरे देश इस महोत्सव का वर्षो से इंतजार कर रहे थे। लेकिन आज वो घरी आ गई है।
जब स्वयं रामलला अयोध्या नगरी में अपना कदम रखेंगे। चारो तरफ से बस एक ही गूँज सुनाई दे रही है, “राम आएंगे-राम आएंगे”। ऐसे में हमारे राम भगवान् के ससुराल, यानि की नेपाल से भी काफी अधिक मात्रा में श्रद्धालु आये है। आज यानि की 21 जनवरी की रात से ही सुन्दर कांड श्रीराम चरित मानस के पाठ का आयोजन किया जा रहा है। इस पाठ में आप सदार आमंत्रित है। आज पूरे अयोध्या नगरी में ख़ुशी का महा उत्सव मनाया जा रहा है। और सभी भक्तों के चेहरे पर मुस्कराहट की ही घरी नज़र आ रही है।
रामलला की मूर्ति में उपयोग किये गए पत्थर इतने महत्वपूर्ण क्यों है?
ऐसा मान जरा है की रामलला की मूर्ति में जो पत्थर का उपयोग किया गाय है उसके पीछे एक अद्भुत वजह भी सामने आई आई है जब “जब रामलला का दूध से अभिषेक होगा तो दूध के गुण में पत्थर की वजह से कोई बदलाव नहीं होगा।” “उस दूध का उपभोग करने पर स्वास्थ्य पर कोई गलत असर नहीं पड़ता है। साथ ही ये हजार से भी अधिक वर्षों तक यूं ही रह सकता है। यानी कि इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।” यह एक अद्भुत चमत्कार है राम भक्तो और पूरे अयोध्या नगरी वालो के लिए बहुत खास माना गया है इस पत्थर, यह स्वयं भगवान् राम की ही देन हैं।
भगवान श्रीराम की मूर्ति कैसी है?
अब सभी के मन में एक ही बात चल रही है कि हमारे जो रामलला है उसकी प्रतिमा कैसी बना गई है तो अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भगवान श्री रामलला की जो मूर्ति बनी है, वह पांच वर्ष के बालक का स्वरूप है। उन्होंने बताया कि मूर्ति 51 इंच की है और रामलला की मूर्ति का निर्माण काले पत्थर की गई है। रामलला की मूर्ति में भगवान के कई अवतारों को दर्शाया गया है।
क्यों है रामलला की मूर्ति काली?
प्रभु श्रीराम की मूर्ति का निर्माण हो चूका है। वो भी काली पत्थर की सहयता से हुई है। रामलला की मूर्ति का निर्माण शिला पत्थर से हुआ है। इस काले पत्थर को कृष्ण शिला भी कहा जाता है। इस वजह से भी रामलला की मूर्ति श्यामल है। जिस पत्थर से रामलला की मूर्ति का निर्माण हुआ है, उसमे कई गुण हैं। वह पत्थर कई मायनों में बेहद खास है।
राम मंदिर को कुछ इस प्रकार डेकोरेट किया है।
राम मंदिर के रास्ते रंग-बिरंगे फूलों से सजाए जा रहे हैं। राम मंदिर का नवनिर्मित भवन और प्रवेश द्वार अलग ही छटा बिखेर रहा है। इसी के साथ राम मंदिर पर हेलीकॉप्टर से गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा शुरू कर दी गई है। अंदर और बाहर सजावट के लिए शानदार लाइटिंग की गई है। बताया जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन मंदिर का सौंदर्य अपने उत्कृष्ट पर होगा।
राम मंदिर को फूलों से सजाया गया। विदेशी फूल अपनी अलग ही छटा बिखेर रहे हैं। थाईलैंड और अर्जेंटीना से मनमोहक विदेशी फूलों की खेप मंगाई गई है। राम मंदिर परिसर को फूलों से सजाने के लिए कई कारीगर आए हैं। मंदिर को सजाने के लिए ताजे फूलों का प्रयोग किया जा रहा है। यहां आप जिधर भी नजर घुमाएंगे सिर्फ आपको रंग-बिरंगे फूल दिखेंगे।
राम मंदिर को पूरी तरह से पुष्पों से सुसज्जित किया गया है। मंदिर की सुंदरता को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो रहा है। हर चीज में सजीवता के दर्शन हो रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या राम मंदिर सज कर तैयार हो गया है। मंदिर रोशनी से जगमग नजर आ रहा है। इसके खंभों और दीवारों को फूलों से सजाया गया है। मंदिर के खंभों को फूलों से सजाया गया है। मंदिर के अंदर की दीवारों को फूलों से सजाया गया है। मंदिर के बाहरी दिवारों पर भी फूलों सजावट की गई है।
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