Republic Day Special 2024: किसी भी राष्ट्र की बुनियाद उसकी पारिवारिक व्यवस्था होती है। हर क्षेत्र में देश को आगे ले जाने वाले नागरिक घर के आंगन में बड़े होते हैं। उनके विचार और व्यवहार को इसी परिवेश में वह दिशा मिलती है, जो देश की दशा बदल दे।
इस मोर्चे पर घरेलू महिलाएं सैनिक-सी डटी नजर आती हैं। वहीं काम-काजी दुनिया में भी महिलाओं ने अपनी भूमिका को हर पहलू पर सिद्ध किया है। परवरिश के दायित्व निर्वहन और पारिवारिक रिश्तों-नातों को पोसते हुए प्रोफेशनल वर्ल्ड में बढ़ती भारतीय महिलाओं की धमक इस गणतांत्रिक देश की गौरव गाथा का हिस्सा है।
अगर हम इतिहास की बात करें तो इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ। भारत को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी तो मिल गई थी। लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित हुआ। इस दिन राजधानी में राजपथ पर होने वाले मुख्य आयोजन में भारत की सांस्कृतिक झलक के साथ ही सैन्य शक्ति और परंपरागत विरासत की झांकी पेश की जाती है।

तो आइये उन संविधान के आलावा होने वाले इतिहास के बारे में जानते है की 26 जनवरी के दिन
- वर्ष 1930 में ब्रिटिश शासन के अंतर्गत भारत में पहली बार स्वराज दिवस मनाया गया।
- वर्ष 1556 में मुगल बादशाह हुमायूं की सीढ़ियों से गिरने से मौत।
- वर्ष 1931 में ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ के दौरान ब्रिटिश सरकार से बातचीत के लिए महात्मा गांधी को रिहा किया गया।
- वर्ष 1950 में स्वतंत्र भारत का संविधान लागू हुआ और भारत को एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया। इसके बाद से इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
- वर्ष 1950 में सी. गोपालाचारी ने भारत के अंतिम गवर्नर जनरल का पद छोड़ा और डा. राजेन्द्र प्रसाद ने देश के प्रथम राष्ट्रपति का पद संभाला।
- वर्ष 1950 में अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न के रूप में अपनाया गया।
- वर्ष 1950 में फेडरल कोर्ट ऑफ इंडिया, जिसकी स्थापना 1937 में हुई थी, को भारत का उच्चतम न्यायालय बनाया गया।
- वर्ष 1957 में जम्मू कश्मीर के भारत की तरफ के हिस्से को औपचारिक रूप से भारत का हिस्सा बनाया गया।
- वर्ष 1963 में माथे पर मुकुट जैसी कलगी और खूबसूरत पंखों वाले मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया।
- वर्ष 1972 में दिल्ली के इंडिया गेट पर राष्ट्रीय स्मारक अमर जवान ज्योति का अनावरण।
- वर्ष 1981 में वायुदूत विमान सेवा की शुरूआत।
- वर्ष 1982 में पर्यटकों को रेल के सफर के दौरान शाही और विलासितापूर्ण अनुभव का आनंद दिलाने के लिए भारतीय रेल ने पैलेस ऑन व्हील्स सेवा शुरू की।
- वर्ष 2001 में गुजरात के भुज में 7.7 तीव्रता का भीषण भूकंप, हजारों लोग मारे गए।
- वर्ष 2008 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने परेड की सलामी ली।
गणतंत्र दिवस का सम्पूर्ण इतिहास
गणतंत्र दिवस, राष्ट्रीय महत्व का दिन, 1950 में संविधान को अपनाने का जश्न मनाने के लिए 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन संविधान के कार्यान्वयन की याद दिलाता है। जो भारत के एक संप्रभु और गणतंत्र राज्य में परिवर्तन का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस की जड़ें ब्रिटिश शासन से आजादी के संघर्ष से जुड़ी हैं।
हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं?
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया था क्योंकि इसी दिन 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन की प्रभुत्व स्थिति का विरोध करते हुए भारतीय स्वतंत्रता (पूर्ण स्वराज) की घोषणा जारी की थी। भारतीय संविधान की दिशा में यात्रा 15 अगस्त, 1947 को भारत को आजादी मिलने के बाद शुरू हुई, यह तारीख हर साल स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाई जाती है।
स्थायी संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए 29 अगस्त, 1947 को डॉ. बीआर अंबेडकर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। 4 नवंबर, 1947 को समिति ने संविधान सभा को संविधान प्रस्तुत किया। अगले दो सालों में संविधान सभा ने कई सत्र आयोजित किए और 24 जनवरी, 1950 को संविधान को अपनाया, संविधान आधिकारिक तौर पर दो दिन बाद, 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ।
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