By: Resham Singh
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ज्यादातर भारतीय अक्सर होटल-रेस्त्रां का रुख करते हैं। इतना ही नहीं इसका उनके बजट पर भी असर देखा जा रहा है।
ज्यादातर भारतीय अक्सर होटल-रेस्त्रां का रुख करते हैं। इतना ही नहीं इसका उनके बजट पर भी असर देखा जा रहा है।
इतना ही नहीं शहरों की करीब पांच फीसदी आबादी तो ऐसी है जो अक्सर बाहर ही खाना खाती है।
इसके अलावा प्रवासी युवा आबादी जो बाहर रहकर काम करती है, उनमें बड़ी संख्या में लोग या तो कैंटीन का खाना खाते हैं या फिर जंक-प्रोसेस्ड फूड्स।
जिस तरह से आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर लोग बाहर खाना खाते हैं, ऐसे भोजन से शरीर के लिए जरूरी हरी सब्जियों की पौष्टिकता नहीं मिल पा रही है।
वहीं दूसरी तरफ प्रोसेस्ड-जंक फूड्स की बढ़ती मात्रा सेहत के लिए कई प्रकार की दिक्कतों को बढ़ाने वाली हो सकती है।
प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता रहा है।
प्रोसेस्ड फूड्स उन खाद्यों को कहा जाता है जिन्हें पहले से तैयार करके रख दिया जाता है और लंबे समय तक संरक्षित रखने के बाद उपयोग किया जाता है।