By: Resham Singh
बेकन, सॉसेज और हॉट डॉग जैसे प्रोसेस्ड मीट्स में अक्सर नाइट्रेट और नाइट्राइट शामिल होते हैं, जो गर्म करने पर नाइट्रोसामाइन बनाते हैं।
जोकि कोलोरेक्टल और पेट के कैंसर के जोखिम को कई गुना बढ़ा देते हैं। आहार में किसी भी तरह प्रोसेस्ड मीट्स को शामिल करना भारी पड़ सकता है।
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स का लगातार सेवन करने से कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
अल्ट्रा प्रोसेस्ड से गुजरने वाले खाद्य पदार्थों में कई हानिकारक रसायन और अत्यधिक मात्रा में चीनी और वसा शामिल होते हैं।
अत्यधिक शराब का सेवन कई घातक बीमारियों से जुड़ा हुआ है। इसमें कोलोरेक्टल, स्तन, एसोफेगल, अग्नाशय और यकृत कैंसर शामिल हैं।
इससे आंतरिक अंगों में सूजन और लीवर को नुकसान पहुंचाने के अलावा, लंबे समय तक शराब के सेवन से लीवर कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।
मीठे पेय पदार्थों के नियमित सेवन से स्तन और पेट के कैंसर होने का खतरा हो सकता है।
ये दोनों कुछ प्रकार के कैंसर होने के खतरे को दोगुना कर देते हैं। अतिरिक्त, चीनी चयापचय कैंसर कोशिका वृद्धि को बढ़ावा देने में भूमिका निभा सकती है।
इसका उपयोग प्रोस्टेट और कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है, खासकर प्रोसेस्ड या बर्नड मीट्स के संबंध में हैं।
इसकी उच्च वसा और प्रोटीन संरचना पकाए जाने पर कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों के विकास पर प्रभाव डाल सकती है।