Govardhan Puja 2024: क्यों की जाती है गोवर्धन पूजा?

By Resham Singh 

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दिवाली के अगले दिन कार्तिक मास को गोवर्धन पूजा को विधि-विधान के साथ किया जाता है।

मान्यता है कि एक बार भगवान इंद्र जी ने ब्रज गांव में बहुत तेज बारिश शुरू कर दी थी, जिससे बहुत बाढ आया था।

जब श्रीकृष्ण भगवान ने यह देखा तो उन्होंने सभी की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था।

गोवर्धन पूजा के दिन भक्तगण गोबर, मिट्टी या आटे से गोवर्धन पर्वत का प्रतीक अपने घरों में बनाते हैं और उसकी पूजा करते हैं।

इस पूजा के माध्यम से भक्त अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं और भगवान कृष्ण से कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।

हिंदू धर्म के मुताबिक, दिवाली के अगले दिन यह पर्व मनाना बहुत खास माना जाता है।

गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का भी विशेष महत्व होता है और उन्हें 56 भोग लगाए जाते हैं जिसे अन्नकूट कहते हैं।

विभिन्न प्रकार के भोग जैसे कि रोटी, चावल, दही, और मौसमी फल कान्हा को अर्पित किए जाते हैं।

दिवाली पर छोटा लिविंग रूम दिखेगा बड़ा, इस तरह के चीजों से करें डेकोरेट।