14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को मनाया जाता है।
जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बेहद लगाव था जिससे कि उसके जन्मदिन पर हर वर्ष “children's day” मनाया जाता है।
यही कारण है कि बच्चे होने चाचा नेहरू का कर बुलाते हैं और 14 नवंबर को चाचा नेहरू और बच्चों को समर्पित कर दिया था।
नेहरू जी के जयंती पर उनके महान कार्यों को याद किया जाता है। और बाल दिवस के दिन लोग अपने बचपन को याद करते हैं।
इसके साथ ही अपने दोस्तों और करीबियों को बाल दिवस की शुभकामनाएं भी भेजते हैं।
चाचा नेहरू ने अपने कुछ विचार भी प्रकट किए हैं जिसे भेजकर बाल दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं।
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो, भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी, मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन वह कागज से कश्ती, वो बारिश का पानी..!
रोने की वजह न थी, ना हंसने का बहाना था, क्यों हो गए हम इतने बड़े, इससे अच्छा तो बचपन का जमाना था..!
हर वर्ष हम लोग चाचा नेहरू के जन्मदिन पर ““children's day” बनाते है। और अपने बचपन को याद करते है।
खबर ना होती कुछ सुबह की, ना कोई शाम का ठिकाना था, थक हार के आना स्कूल से, पर खेलने को तो जरूर जाना था।
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