By: Resham Singh
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कार्बोहाइड्रेट लोड को कम करने से हार्मोनल असंतुलन में सुधार हो सकता है।
सामान्य आहार की तुलना में गर्भावस्था की दर में सुधार के लिए ओव्यूलेशन फिर से शुरू हो सकता है।
मायो क्लिनिक के अनुसार, अकेले तनाव बांझपन का कारण नहीं बन सकता है।
लेकिन तनाव एक महिला की गर्भवती होने की क्षमता में हस्तक्षेप जरूर करता है।
अधिक वजन प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।अधिक वजन वाली महिलाओं में लेप्टिन हार्मोन अधिक होता है।
जिससे प्रजनन क्षमता कम हो सकती है, दूसरी ओर, कम वजन होना हार्मोनल संतुलन में हस्तक्षेप कर सकता है।
फोलिक एसिड और विटामिन डी से लेकर जस्ता और सेलेनियम तक महिलाओं के फर्टिलिटी के फायदों से जुड़े हैं।
ऐसे में एक्सपर्ट से परामर्श करके इसका सेवन सही वक्त पर शुरू कर देने लेट मां बनने वाली महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद रहता है।
यदि आप 30 के बाद फैमिली प्लानिंग के बारे में सोच रहे हैं तो इसके बारे में डॉक्टर से परामर्श बहुत मददगार साबित हो सकता है।
इससे आपको आपकी प्रजनन क्षमता और यदि कोई संभावित समस्या है तो जल्द से जल्द इसके बारे में आपको पता लग जाएगा।