By: Resham Singh
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सबसे पहले तो आप बच्चे को अपनी बात कहने का पूरा मौका दीजिए। इससे उनके विचार किस तरह के हैं आपको पता लग जाएगा।
उन्हें समझाएं कि अलग-अलग तरह की भावनाओं का अनुभव करना नैचुरल है और इनको रचनात्मक तरीके से व्यक्त करना मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा है।
जब बच्चा अपनी समस्याओं के बारे में बताए तो उसकी बात को महत्व दीजिए और सुनिए।
उन समस्याओं किस तरीके से सुलझाना है उसके साथ बैठकर विचार करें।
उन्हें इस तरह से तैयार करें कि वे किसी भी तरह की चुनौती का सामना बिना डरे पूरे आत्मविश्वास के साथ कर सकें।
माता-पिता होने के नाते आप बच्चे को सकारात्मक होना सिखाएं।
अगर आपको लगता है कि बच्चे में हर छोटी-बड़ी चीज का डर बैठ रहा है तो उसे सिखाएं कि कैसे वह पॉजिटिव रहे।
इसके अलावा बच्चे को परिवार और रिश्तों को महत्व देना भी सिखाएं।
अपने बच्चों को परिवार, दोस्तों और साथियों के साथ बेहतर संबंध विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करें।
जिससे वह बडे और छोटे का लिहाज रखना सिख जायेंगे, और अपने जीवन में एक सही मार्ग पर चल सकेंगे।