By: Resham Singh
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स्मोक करने से भी कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। साथ ही, फेफड़े, दिल, किडनी आदि को भी काफी नुकसान पहुंचता है।
इसलिए स्मोकिंग न करें और कोशिश करें कि आप पैसिव स्मोकिंग से भी बचे रहें। इससे आपकी सेहत को काफी फायदा पहुंचेगा।
नेचर में समय बिताने से भी तनाव कम होता है और मेंटल हेल्थ को भी फायदा पहुंचता है।
इसलिए अगर मुमकिन हो, तो रोज कुछ समय प्रकृति के बीच, जैसे पार्क आदि में बिताएं।
एक्सरसाइज करने से मूड बेहतर होता है और हैप्पी हार्मोन्स रिलीज होते हैं।
इसके आप बेहतर महसूस करते हैं और स्ट्रेस लेवल भी कम होता है। तनाव कम होने की वजह से कॉर्टिसोल का स्तर भी कम होता है।
नींद पूरी न होने की वजह से स्ट्रेस बढ़ता है, जिसके कारण कॉर्टिसोल का स्तर भी बढ़ जाता है।
इसलिए पूरी नींद लेने और सोने और जागने का एक फिक्स समय तय करने से इसके स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है।
मेडिटेशन, योग, ताई ची जैसी तकनीकों की मदद से आप माइंडफुलनेस प्रैक्टिस कर सकते हैं।
इनसे तनाव कम करने में काफी मदद मिलती है, जिससे कॉर्टिसोल का स्तर भी नियंत्रित होता है।