By: Resham Singh
कुछ मेडिकल कंडीशन सोचने-समझने और याद करने जैसी प्रॉबलम्स का खतरा बढ़ा सकती हैं।
इसके साथ ही आपको स्ट्रोक होने का रिस्क भी बना रहता है, जो मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।
दिमाग की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए अच्छी और गहरी नींद लेना भी जरूरी है।
वयस्कों के लिए रात में 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। रात की अच्छी नींद ब्रेन फंगक्शन और मेमोरी को बेहतर बनाने में मदद करती है।
यदि आप दोस्तों के साथ बाहर जाने या अपने प्रियजनों को घर बुलाने में झिझकते हैं, तो ऐसा न करें, बल्कि इनके साथ समय बिताएं।
ऐसे में जरूरी है कि सोशल रहें और दोस्तों और प्रियजनों के साथ समय बिताएं, क्योंकि सामाजिक होना डिप्रेशन और तनाव को दूर करने में मदद करता है।
जिन लोगों की शारीरिक गतिविधि ज्यादा है, उनकी मानसिक ताकत बेहतर बनी रहने की संभावना भी अधिक होती है।
नियमित तौर पर की जाने वाली फिजिकल एक्टिविटी फ्लेकसबिलिटी, स्ट्रेंथ, एनर्जी और मूड में सुधार करने में मदद कर सकती है।
दिमाग पर लगने वाली चोट का असर लंबे समय तक रहता है। ब्रेन इंजूरी का व्यक्ति के जीवन पर लंबे समय तक प्रभाव पड़ सकता है।
दिमाग की चोट आपके सोचने-समझने की शक्ति, याददाश्त, बोलने और इमोशन जैसी चीजों को इफेक्ट करती है।