Basant Panchami 2024: वेदों में कहा गया है कि अगर किसी विद्यार्थी को अपने जीवम में बुद्धि, विद्या और करियर में सफलता पाना है तो उसे तन, मन और धन से उसे मेहनत करनी होगी साथ ही एक अच्छा विद्यार्थी बन कर रहना होगा। पढ़ाई करते समय कोई भी नकारत्मक सोच मन में नहीं रखनी चाहिए। और बसंत पंचमी के लिए माँ सरस्वती की पूजा जरूर करनी चाहिए साथ ही उनका ध्यान भी करना बहुत अहम माना जाता हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दे कि इस बार बसंत पंचमी की पूजा के तारिक को लेकर बहुत से विद्यार्थी और समाज के लोग कंफ्यूज हो रहे है। तो आइये जानते है कि देवी सरस्वती की सही पूजा व् शुभ मुहूर्त किस दिन है।
जानिए (Basant Panchami) वसंत पंचमी 2024 तिथि
इस विषय में श्री आचार्य मिश्र जी, बताते हैं कि माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी दोपहर 02:35 से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 14 फरवरी दोपहर 12:00 बजे होगा। ऐसे में हिंदू धर्म में उदया तिथि को मान्यता दी जाती है, इसलिए वसंत पंचमी पर्व 14 फरवरी 2024, बुधवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन माता सरस्वती की उपासना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 07:00 से दोपहर 12:00 बजे के बीच रहेगा।
जितने भी देवी सरस्वती की भक्त है वह 14 फरवरी के दिन पूजा अर्चना कर सकते हैं। उनकी तैयारी आपको आज ही शुरू कर देनी चाहिए।क्योंकि समय बहुत नजदीक आज चूका हैं।
(Basant Panchami) वसंत पंचमी 2024 के क्या है शुभ योग
इसके विषय में आचार्य मिश्र जी यह भी बोले कि, वसंत पंचमी के दिन दो शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन शुभ योग और शुक्ल योग का निर्माण होगा, इसके साथ ही रवि योग भी बन रहा है। शुभ योग शाम 07:59 तक रहेगा और इसके बाद शुक्ल योग शुरू हो जाएगा। वहीं रवि योग सुबह 10:40 से शुरू होगा और पूर्ण रात्रि तक रहेगा।
वसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन इन बातों का जरूर रखे खास ध्यान
- वसंत पंचमी के दिन वास्तु के नियमों का ध्यान रखकर माता सरस्वती की उपासना करने से विशेष लाभ मिलता है।
- इसलिए माता सरस्वती की प्रतिमा या चित्र को उत्तर दिशा में रखें। इस दिशा में उनका मुख करके पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है और सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
- इस बात का भी ध्यान रखें कि माता सरस्वती की ऐसी प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें, जिसमें वह पुष्प पर बैठी हुई हों और वह आशीर्वाद मुद्रा में हों।
- इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि घर में मां सरस्वती की खंडित मूर्ति या फटी हुई तस्वीर को नहीं रखना चाहिए।
- वसंत पंचमी के दिन पूजा के दौरान मां सरस्वती को गुड़हल या गेंदे का फूल अर्पित करें, साथ ही उत्तर पूर्व या ईशान कोण में मां सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित करें।
- इसके साथ पूजा के दौरान मां सरस्वती के समक्ष पढ़ाई लिखाई के सामान के साथ कोई वाद्य यंत्र जरूर रखें, ऐसा करने से भी जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
जानिए बसंत पचंमी (Basant Panchami) के अबूझ मुहूर्त
हिंदू मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी अबूझ साया है। शास्त्रों के अनुसार, जिस तिथि को अबूझ मुहूर्त बनता है, उस तिथि में शुभ कार्यों के मुहूर्त के लिए पंचांग देखने को जरूरत नहीं होती है। इस दिन बिना मुहूर्त देखे शादी विवाह व शुभ कार्य किए जा सकते हैं। साथ ही इस दिन मुहुर्त न मिलने की वजह से जहां शादियां नहीं होतीं वह भी शादियां करवा सकते हैं।
यही वजह है कि बसंत पंचमी पर हर साल बड़ी संख्या में शादियां होती हैं। इस बार बसंत पंचमी और वेलेंटाइन डे का संयोग बन रहा है। मिली जानकारी के अनुसार 13 और 14 फरवरी को 25 से 30 हजार शादियां हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें |
Shri Premanand ji Maharaj – प्रेमानंद महाराज जी के सरल उपाय अपनाओ, इतना पैसा आएगा रख नहीं पाओगे
Ram Mandir: रंग-बिरंगे फूलों से सजा रामलला का अंगना, हर तरफ गूंज रही है “राम आएंगे-राम आएंगे