Crew Movie Review in Hindi: करीना कपूर, तब्बू और कृति सेनन की फिल्म क्रू सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। क्रू में दिलजीत दोसांझ, राजेश शर्मा, शाश्वत चटर्जी और कपिल शर्मा भी हैं। बता दे कि, इस फिल्म का डायरेक्शन राजेश कृष्णन ने किया है। इससे पहले वह लूटकेस जैसी फिल्म बना चुके हैं।
क्रू एक ऐसी फिल्म है जिसके ट्रेलर में ही काफी झोल नजर आ रहा था। ट्रेलर में ही लग रहा था कि इस तरह की कहानी को डायरेक्टर संभाल नहीं पाएगा। फिल्म जब शुरू हुई तो मुझे लगा कि इस बार भाई डायरेक्टर गच्चा दे गया है। लेकिन ट्रेलर में तो कुछ अलग की तरह का झोल होता है। लेकिन झोल होते हुए भी यह कहानी को सरपट दौड़ा रहा है. कैरेक्टर हंसा रहे हैं। सिचुएनशल कॉमेडी फिट बैठ रही है।
लेकिन फिर कुछ ऐसा होता है कि मैं अपने यूटोपिया से बाहर आता हूं और समझ जाता हूं कि जिंदगी इतनी आसान नहीं. लगभग दो घंटे की इस फिल्म में डायरेक्टर काफी जौहर दिखाने की कोशिश करता है और रसों की बहार ले आता है। लेकिन वह कहानी को अपनी सहूलियत से तोड़ता-मरोड़ता है और देखने वाले के होश गुम कर देता है। तो चलिए इस क्रू मूवी के बारे में पूरी रिव्यु इस ब्लॉग पोस्ट के बारे में जानते है।
जानिए क्रू मूवी की स्टोरी?
यदि हम इस फिल्म की स्टोरी की बात करे तो इसमें तब्बू, करीना कपूर और कृति सेनन तीनों ही अभिनेत्रियां नज़र आ रही है। तीनों एयर होस्टेस हैं और जिंदगी में अपनी-अपनी समस्याओं से उलझ रही हैं। अब काम भी ऐसी एयरलाइन में करती हैं जो दिवालिया होने की कगार पर है। सैलरी का कोई अता-पता है नहीं, लेकिन फिर एक दिन उनके सामने एक ऐसा मौका आता है जिसमें उन्हें कुछ गलत तो करना है, लेकिन जिंदगी बदल सकती है।
यह फैसला क्या है और ये एयर होस्टेस अपनी जिंदगी में ढेर सारी समस्याओं को कैसे बुला लेती हैं यह तो आप फिल्म देखकर ही जान सकेंगे। लेकिन इतना बता देते हैं कि पहले हाफ में तो सब ठीक-ठाक चलता रहा। लेकिन दूसरे हाफ में डायरेक्टर ने अपने रंग दिखा ही दिए, दूसरे हाफ में फिल्म उनके हाथ से निकल जाती है। ना तो यह समझ आता है कि कहानी का अंत क्या करना है और ना ही कुछ बातों को स्थापित ही कर पाते हैं, कुल मिलाकर फिल्म क्या-क्या मोड़ नहीं लेती है, यही बाकी रह जाता है, बाकी सब तो डायरेक्टर करके ही मानते हैं।
इस मूवी का डायरेक्शन?
आपको जानकारी के लिए बता दे कि, इस मूवी में राजेश ए कृष्णन का डायरेक्शन अच्छा है, उन्हें पता था कि उनकी USP तीन हीरोइनें हैं और उन्होंने इनके ग्लैमर को बखूबी उपयोग किया है। हालांकि स्क्रीनप्ले थोड़ा और बेहतर होता है। कहानी को थोड़ा और कायदे से लिखा जाता तो ये और अच्छी फिल्म बनती है। सेकेंड हाफ में थोड़ा फन और डाला जाना चाहिए था लेकिन तब भी डायरेक्टर अपने काम में कामयाब रहे हैं।
क्रू मूवी में एक्टिंग?
यदि हम इस मूवी की एक्टिंग की बात करें तो करीना कपूर खान, तब्बू और कृति सेनन ने ठीक-ठाक काम किया है। कुछ भी ऐसा नहीं है कि यादगार रह सके। कई सीन्स में तीनों ही एक्ट्रेस एक्टिंग के मामले में थोड़ा लाउड हो गई हैं। कुल मिलाकर तीनों ही एक्ट्रेस ने एवरेज काम किया है। कपिल शर्मा और दिलजीत दोसांझ भी ठीक हैं जितना काम मिला है कर लिया है।
हमको समझ सको तो समझ लो दिलबरजानी?
इस फिल्म में तीन विमान परिचारिकाओं की कहानी है। तीनों अलग-अलग आयु वर्ग की हैं। सबसे उम्रदराज अपने से छोटी के बार बार मेकअप करने की कोशिशों पर ताने मारती है। ये मंझली वाली सोशल मीडिया की शौकीन है। मौका मिला नहीं कि किसी बड़े ब्रांड के उत्पाद के साथ सेल्फी खींची नहीं। सबसे छोटी वाली का अपना अलग दुखड़ा है।
हरियाणा के किसी ऐसे गांव से है जहां अंग्रेजों के जमाने की हवाई पट्टी तो है पर जहां जहाज कोई आज तक नहीं उतरा। घर वाले उसे पायलट की पढ़ाई कराते हैं। आर्थिक हालात देश के ऐसे हैं कि एक पढ़ी लिखी पायलट को विमान परिचारिका की नौकरी करनी पड़ रही है। बहुत बड़ा तंज है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में पीएचडी, एमए, एमबीए वालों के आवेदन करने वालों की खबरें तो आप पढ़ते ही रहते होंगे। यहां मामला बस उससे थोड़ा सम्मानजनक है। ‘पॉटी’ तो ये भी साफ कर ही रही हैं।
करीना की अदाकारी ने लुटा फेन्स का दिल?
आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि, सिर्फ करीना कपूर खान का किरदार यहां तराजू के पलड़ों सा ऊपर नीचे होता रहता है। वहीं, करीना ने अपने किरदार को जीया भी अच्छा है। फिल्म के संवाद बेहतर होते तो ये फिल्म ‘मस्त फैमिली एंटरटेनर’ हो सकती थी। हर युवाओं को खींचने के लिए डाले गए दादा कोंडके टाइप द्विअर्थी संवाद फिल्म का मजा ही खराब करते हैं। कस्टम दरोगा के किरदार में तृप्ति खामकर ने बहुत बढ़िया एक्टिंग की है। हालांकि, सिर्फ नाम के लिए मौजूद कपिल शर्मा और दिलजीत दोसांझ के होने न होने का असर फिल्म पर दिखता नहीं है।
#CrewReview : ⭐⭐⭐..
— Always Bollywood (@AlwaysBollywood) March 27, 2024
Buckle up for a wild ride of laughter with these three air hostesses who bring the funny in every scene…#KareenaKapoorKhan , #Tabu & @kritisanon succeed in entertaining us in this outrageous comedy flick.,…#Crew pic.twitter.com/lNjJBUETBp
35 हजार फिट की ऊंचाई पर टपका पायलट?
वैसे तो तीनों परिचारिकों को छह महीने से तनख्वाह नहीं मिली है। जिस हवाई जहाज कंपनी में वह काम कर रही हैं, उसका मालिक विदेश में हैं। कंपनी का एक मुलाजिम उनके लिए ‘खास’ आपूर्ति यहां देश से विदेश के लिए कर रहा है। मामला तब खुलता है जब एक दिन कोई 35 हजार फिट की ऊंचाई पर इनका एक पायलट टपक जाता है और सोने की तस्करी का मामला सामने आता है।
बस कहानी का असल पेंच यहीं से ढीला होना शुरू होता है। लोग विदेश से सोना तस्करी करके देश में लाते हैं, यहां उल्टा हो रहा है। तीनों बड़ी कोशिशें करती हैं इस नए ‘ज्ञान’ से अपनी माली हालत सुधारने की, लेकिन मामला एक होशियार कस्टम दरोगा के चलते पकड़ा जाता है। लेकिन, ध्यान रहे कि ये महिला प्रधान फिल्म है और यहां तो तीन तीन महिलाएं हैं। तीनों तय करती हैं कि देश का ‘कोहिनूर’ देश में वापस लाना है। जब सिस्टम से कुछ न हो पाए तो जनता कुछ ऐसे ही टेढ़े मेढ़े काम करती है।
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