Lathmar Holi 2024: पूरे देशभर में ब्रज की होली बहुत प्रचलित है। बता दे कि देश भर में ब्रजमंडल में होली के पर्व को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है और इस त्योहार का होली के हुरियारों को बेसब्री से इंतजार रहता है। फूलों की होली के साथ इस त्योहार की शुरुआत होती है और रंगों की होली के साथ समाप्त होती है। और हां, बरसाना, मथुरा और वृंदावन में कई तरह की होली खेली जाती है।
इनमें से लट्ठमार होली बेहद प्रसिद्ध है। ब्रज की इस होली में शामिल होने के लिए भक्त देश-विदेश से आते हैं। आपकी जानकारी के लिए बात दे कि, यह पर्व श्री राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है। तो आइये इस लट्ठमार होली के बारे में पूरी जानकारी जानते है।
जानिए कैसे हुई लट्ठमार होली की शुरुआत?
पौराणिक कथाओं के अनुसार यह मान्यता यही कि, एक बार भगवान श्री कृष्ण राधा जी मिलने के लिए बरसाना गांव गए, तो वह राधा जी और उनकी संग की सखियों को चिढ़ाने लगे। ऐसे में राधा जी और सखियों ने कृष्ण और ग्वालों को सबक सिखाने के लिए लाठी से पीटकर दूर करने लगीं। मान्यता है कि तभी से बरसाना और नंदगांव में लट्ठमार होली खेलने की शुरुआत हुई। कहा जाता है कि लट्ठमार होली की शुरुआत लगभग 5000 वर्ष पहले हुई थी।
2024 में कब है लट्ठमार होली?
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, लट्ठमार होली के उत्सव में लोग अधिक संख्या में शामिल होते हैं। इस वर्ष 18 मार्च को बरसाना और 19 मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली का उत्सव मनाया जाएगा। इस पर्व के दौरान महिलाएं लट्ठ से हुरियारों (पुरुषों) को बेहद मजाकिया अंदाज में पीटती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि लट्ठमार होली बरसाना और नंदगांव के लोगों के बीच खेली जाती है। लट्ठमार होली के लिए दिन फाग निमंत्रण दिया जाता है।
लट्ठमार होली के लिए क्या है खास बात?
- लट्ठमार होली का इतिहास भगवान कृष्ण और राधा रानी से जुड़ा हुआ है।
- मुख्य रूप से लट्ठमार होली बरसाना और नंदगांव में मनाई जाती है।
- यह एक हर्षोल्लासपूर्ण और मनोरंजक त्यौहार है जो देश विदेश के हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है।
- यह उत्सव एक सप्ताह से अधिक समय तक चलता है।
- ऐसा भी कहा जाता है कि लट्ठमार होली के दौरान पुरुष महिलाओं का रूप धारण करते हैं।
क्या है लट्ठमार होली का महत्व?
पूरे दुनियाभर में प्रसिद्ध लट्ठमार होली को देखने के लिए दूर-दूर से लोग बरसाना पहुंचते हैं। तो आइये उनके ऊपर थोड़ा प्रकाश डालते है।
राधा-कृष्ण का प्रेम
लट्ठमार होली राधा-कृष्ण के पवित्र प्रेम कहानी का प्रतीक माना जाता है। यह त्यौहार यह दर्शाता है कि कैसे भगवान कृष्ण अपने सखाओं के साथ राधा रानी और उनकी सहेलियों पर रंग लगाते थे और जवाब में राधा और उनकी सहेलियां कृष्ण और उनके सखाओं को भगाने के लिए लाठियों का सहारा लेती थी।
स्त्री शक्ति
यह उत्सव स्त्री शक्ति का प्रतीक भी माना जाता है। यह त्यौहार यह दर्शाता है कि स्त्रियां पुरुषों से कमजोर नहीं हैं। वह अपनी रक्षा खुद कर सकती हैं।
भाईचारा
लट्ठमार होली लोगों को एकजुट करने और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सांस्कृतिक महत्व
लट्ठमार होली का त्यौहार हमारी संस्कृति को जीवित रखने में भी मदद करता है।
आर्थिक महत्व
लट्ठमार होली स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है। यह त्यौहार देश विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
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