Surya Grahan 2024: आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि, सूर्य ग्रहण एक ऐसी अनोखी खगोलीय घटना है, जो खगोलविदों के साथ ही आम लोगों को भी आकर्षित करती है। साल 2024 में एक नहीं बल्कि दो-दो सूर्य ग्रहण हैं, जिसमें से पहला इसी साल 8 अप्रैल को लग चुका है।
ये एक पूर्ण सूर्य ग्रहण था। हालांकि, इसे भारत में नहीं देखा गया था लेकिन इंटरनेट और टेलीविजन के जरिए बहुत सारे लोगों ने इसे देखा था। अब ये पुरानी बात हो गई है और आप साल के दूसरे सूर्य ग्रहण की तैयारी कर लीजिए, जो अक्टूबर में लगने जा रहा है। ये सूर्य ग्रहण एक वलयाकार ग्रहण होगा, जिसे ‘रिंग ऑफ फायर’ भी कहते हैं। इस दौरान सूरज आग के छल्ले की तरह नजर आता है। तो चलिए इसके बारे में पूरी जानकारी जानते है।
क्या है सूर्य ग्रहण लगने की वजह
जानकारी के लिए आपको बता दूं कि, हमारी पृथ्वी अपने परिक्रमा पथ पर चलते हुए सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाती है। वहीं, पृथ्वी का उपग्रहण चंद्रमा भी अपने परिक्रमा पथ पर घूमता रहता है। इस यात्रा के दौरान चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच सीधी रेखा में आ जाता है, जिससे सूरज दिखाई नहीं देता है और आकाश में अंधेरा जैसा छाने लगता है।
इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण के नाम से जाना जाता है। सूर्य ग्रहण तीन प्रकार होते हैं- आंशिक सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण और पूर्ण सूर्य ग्रहण। आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा की छाया सूर्य के छोटे हिस्से को ढंकती है। इस दौरान सूर्य का कुछ हिस्सा दिखाई देता है जबकि ढंका हुआ हिस्सा काला नजर आता है।
वहीं, वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य की सीध में होता है लेकिन पृथ्वी से दूर होने के चलते सूर्य पूरा ढंका नहीं दिखाई देता है। इस दौरान सूर्य के चारों तरफ गोलाकार हिस्सा दिखाई देता है जो रिंग ऑफ फायर की आकृति बनाता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सूरज बिल्कुल नजर नहीं आता है और दिन में ही रात जैसा नजारा दिखाई देता है।
कब है साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण
बताते चले कि, स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने वाला है। भारतीय समयानुसार यह सूर्य ग्रहण रात के 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा और 3 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 17 मिनट पर संपन्न होगा। इस तरह यह वलयाकार सूर्य ग्रहण 6 घंटे 4 मिनट का रहेगा। ग्रहण के अपने चरम पर चंद्रमा सूर्य के केंद्र के 93 प्रतिशत हिस्से को ढंक लेगा। वहीं, रिंग ऑफ फायल 7 मिनट 25 सेकंड तक दिखाई देगी।
सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल लगेगा या नहीं
2 अक्तूबर को रात्रि के समय सूर्य ग्रहण लगेगा, जिसका असर भारत में नहीं दिखाई देगा। ऐसे में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। पूजा-पाठ और कोई मांगलिक, धार्मिक कार्यों को करने की मनाही होती है।
कहा जाता है कि, सूतक काल के दौरान भगवान का नाम लेकर उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए। मंत्रों का जाप करने से ग्रहण का दुष्प्रभाव कम होता है। वहीं सूतक काल के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है।
भारत में सूर्य ग्रहण कैसे आएगा नजर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, साल के पहले सूर्य ग्रहण की तरह अक्टूबर में लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। और इसकी वजह है कि यह रात में लग रहा है और उस समय सूर्य पृथ्वी के इस हिस्से की तरफ नहीं होगा।
बताते चले कि, अक्टूबर में लगने वाले सूर्य ग्रहण को प्रशांत महासागर, आर्कटिक के साथ ही दक्षिणी अमेरिका अर्जेंटीना, चिली, पेरू, ब्राजील समेत कई देशों में देखा जा सकेगा। हालांकि, भारत वालों को निराश होने की जरूरत नहीं है। पहले सूर्य ग्रहण की तरह तमाम स्पेस एजेंसियां इसकी भी लाइव स्ट्रीमिंग करेंगी, जिस पर इस अद्भुत नजारे को देखा जा सकता है।
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