Mutual Funds Investment: Mutual Fund व्यावसायिक रूप से प्रबंध किया गया। सामूहिक निवेश योजना है जोकि अनेक निवेशकों से धनराशि को एकत्रित करता है। और स्टॉक्स, बॉन्ड, और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करता है। निधियों का चयन परिमाणात्मक पैरामीटरके आधार पर किया जाता है। तथा इसमें कई उतार चड़ाव, जोखिम समायोजित प्रतिलाभ, नियमित समुचित सावधानी के माधयम से गुजरना पड़ता है। सभी अग्रणी आस्ति प्रबंधन Company के Mutual Fund उत्पाद देश भर के सभी मुख्य CBS शाखाओं के सहायता से हमारे बहुमूल्य ग्राहकों को AMFI से प्रमाणित किया जाता है।
Mutual Funds में Tax लगता है या नहीं?
Mutual Fund में निवेश पर मिलने वाला रिटर्न भी Tax के दायरे में आता है। short term capital gains (STCG) और Long Term Capital Gains (LTCG) निवेशक को देना पड़ता है। अलग-अलग Mutual Fund जैसे, इक्विटी और डेट पर कई तरह का Tax लगता है। Mutual Fund डिविडेंड के मामले में dividend distribution tax (DDT) भी लगता है। और Mutual Fund के मुताबिक Tax Deduction at Source (TDS) कटता है।
Mutual Funds में निवेश करने के क्या-क्या फायदे है?
Mutual Fund लोकप्रिय है क्योंकि वे जटिल वित्तीय बाजार में आसानी से निवेश करने का अवसर प्रदान करता है। Mutual Fund की सफलता का एक बड़ा भाग उनके द्वारा प्रदत्त विविधता, व्यावसायिक प्रबंधन और तरलता को जाता है। तो आइये इनके फायदे को समझते है।
- तरलता – असीमित अवधि वाली योजनाओं में आपके पास विकल्प है कि किसी भी समय चालू एनएवी पर धनराशि को आहरित या रीडिम (पुनः प्राप्त करना) कर सकते है।
- खर्च करने की क्षमता – ये इकाई में उपलब्ध है अतः आसानी से खर्च कर सकते है. बड़े कॉर्पस के कारण छोटा निवेशक भी निवेश रणनीति से लाभान्वित हो सकता है।
- विविधता- म्यूचुअल फ़ंड से जोखिम का भार कम हो जाता है चूंकि वे विभिन्न उद्योग एवं स्टॉक में निवेश करते है।
- व्यावसायिक प्रबंधन – म्यूचुअल फ़ंड के निपुण फ़ंड प्रबंधक अनुभव एवं शोध के आधार पर सभी विकल्पों का मूल्यांकन करते है।
- लचीलापन – म्यूचुअल फ़ंड निवेश लचीलेपन के साथ सुव्यवस्थित निवेश प्लान, सुव्यवस्थित आहरण प्लान एवं लाभांश पुनर्निवेश विशेषताएँ प्रदान करता है।
- प्रतिलाभ की संभावना – फ़ंड प्रबंधक जो आपके म्यूचुअल फ़ंड का ध्यान रखते है अतः उनके पास विश्व के प्रमुख अर्थशास्त्री एवं विश्लेषक से जानकारी एवं आंकड़ें प्राप्त रहते है।
- परिणाम स्वरूप एकल निवेशकों के बजाय इनके पास आपके निवेश को विकसित करने के लिए बेहतर सुअवसर उपलब्ध है।
- कम लागत – ब्रोकरेज़, कस्टोडियल और अन्य शुल्क में लाभ से निवेशकों का लागत कम होगा।
क्या होता है NAV?
Mutual Funds में निवेश पर आपको (Net Value Asset (NAV)की समझ कर लेनी चाहिए। NAV दरअसल Mutual Funds Unit की वैल्यू होती है। इस एक Formula के आधार पर निकाला जाता है। निवेशकों द्वारा Mutual Funds से इकठ्ठा हुई धनराशि को Mutual Funds सिक्योरिटी बाज़ार में निवेशित किया जाता है। इसलिए बाज़ार मूल्य के आधार पर स्कीम का NAV भी दैनिक बदलता रहता है।
NAV वह कीमत है, जिसपर आप Mutual Funds Scheme की Unit खरीदते या बेचते हैं। उदाहरण के लिए अगर Scheme की NAV 15 रुपये है, तो आपको एक Unit के लिए 15 रुपये का भुगतान करना होगा। इसी तरह अगर आप इस Scheme की एक Unit बेचते हैं तो आपको 15 रुपये या इससे कुछ कम मिलेगा।
यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बिक्री पर Exit Load कितना है। Typical Exit Load तब लगता है। जब निवेश के एक तय अवधि के अंदर बिक्री की जाती है। यह Charge NAV के एक प्रतिशत के तौर पर वसूला जाता है।
Mutual Funds में निवेश कितने तरीकों से किया जाता है?
Mutual Funds में निवेश मुख्यतः दो तरीकों से किया जाता है, जोकि निम्नलिखित है।
पहला:- आप किसी फंड में एकमुश्त (lumpsum) पैसा लगा दें। तो फंड का NAV लगातार बढ़ता है, तो SIP के बजाय एकमुश्त निवेश ज्यादा फायदा दे सकता है।
दूसरा:- SIP यानी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, इसमें रेग्युलर मंथली निवेश करना होता है। SIP के जरिए 100 रुपये से भी निवेश शुरू किया जा सकता है। लॉन्ग टर्म के लिए SIP में निवेश करने से कम्पाउंडिग का फायदा मिलता है।
Mutual Funds में निवेश डायरेक्ट करना पड़ता है या फिर रेगुलर?
Mutual Funds में ये प्लान समझना उतना ही जरुरी है, जितना की Mutual Funds में निवेश करना। क्यंकि इसका सीधा असर हमारे निवेश पर पड़ता है। रेगुलर प्लान में डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन शामिल होता है। ये कमीशन फंड मूल्य के 0.5 फीसदी से 1 फीसदी या इससे ज्यादा भी हो सकता है। यह रकम हर साल डिस्ट्रिब्यूटर को देनी होती है। वहीं, डायरेक्ट स्कीम्स आप सीधे कंपनी से लेते हैं, इसलिए इसमें डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन शामिल नहीं होता है। तो इन्ही वजह से हमें इसके प्लान पर भी ध्यान देना अति आवशयक है।
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