चीनी नहीं बल्कि इस चीज का सेवन करने से होती है डायबिटीज।

By: Resham Singh

Credit: Google Image

खाद्य सामग्री की पैकिंग वाले प्लास्टिक मैटेरियल में केमिकल का उपयोग किया जाता है।

कैसे होती है डायबिटीज

यह केमिकल शरीर में शुगर बैलेंस करने वाले हार्मोन इंसुलिन के प्रोडक्शन को प्रभावित करता है जिसकी वजह से डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है।

प्लास्टिक और एपॉक्सी रेजिन बनाने के लिए प्रयोग होने वाला बिस्फेनॉल A (BPA) शरीर में हार्मोनल बैलेंस को डिस्टर्ब कर सकता है।

हालांकि इस रिसर्च में पहली बार बीपीए को डायबिटीज के बनने का एक मुख्य कारण पाया गया है।

इसके अलावा धूप में पड़ी प्लास्टिक की बोतल भी कुछ जहरीले केमिकल (जैसे n-hexadecane) रिलीज करती हैं।

आपको बता दें कि, वैज्ञानिकों ने पाया कि प्लास्टिक की बोतलों का यूज नहीं करना चाहिए ।

डायबिटीज से बचाव

बल्कि इसमें, स्टील, कॉपर या मिट्टी के बर्तनों को प्रयोग करके भी इस खतरे को कम किया जा सकता है।

प्लास्टिक के पैकिंग मैटेरियल सुविधाजनक हैं लेकिन शरीर के लिए घातक है।

जिसकी वजह से आने वाले समय में स्वास्थ्य समस्याएं गंभीर रूप से बढ़ेंगी।

इसके आलावा जब आप स्ट्रेस लेते है तो इससे कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन हार्मोन बढ़ जाते हैं जो शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाते हैंगी।

फिटनेस फ्रीक लोग दूध की चाय से क्यों करते हैं परहेज, ये हैं नुकसान।